न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Haridwar Hate Speech Case: सुप्रीम कोर्ट आज (12 जनवरी 2022) हरिद्वार और दिल्ली में हुए दो आयोजनों में नफरती भाषणों देने और समुदाय विशेष को टारगेट कर उकसाने के मामले की सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच करेगी, जिसमें चीफ जस्टिस एनवी रम्मना (Chief Justice NV Rammana) और जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली शामिल हैं।
पत्रकार कुर्बान अली (Journalist Qurban Ali) और पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश की याचिका पर आज सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं ने विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा एक स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच के लिये निर्देश देने की मांग की है।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Senior Advocate Kapil Sibal) ने कल (11 जनवरी 2022) शीर्ष अदालत को बताया, “देश का नारा सत्यमेव जयते से बदलकर सशस्त्रमेव जयते हो गया है।” सिब्बल ने कहा कि सिर्फ एफआईआर (FIR) दर्ज की गयी है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बता दे कि 17 दिसंबर से 19 दिसंबर 2021 तक यति नरसिंहानंद और हिंदू युवा वाहिनी (Yeti Narasimhanand and Hindu Yuva Vahini) द्वारा तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया गया था। धार्मिक सभा का आयोजन करने वाले जूना अखाड़े के यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Mandir) के पुजारी भी हैं।
हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित धार्मिक सम्मेलन या धर्म संसद का विषय ‘इस्लामिक भारत में सनातन का भविष्य’ था। इस आयोजन में कई नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिये और समुदाय विशेष के सदस्यों को मारने का आह्वान भी किया।
सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर साझा किये गये वीडियो में, धर्म संसद (Dharma Sansad) के वक्ताओं को एक खास समुदाय के सदस्यों के नरसंहार का आह्वान करते हुए सुना गया। यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर समुदाय विशेष के खिलाफ खुली लड़ाई का आह्वान किया और हिंदुओं से साल 2029 में पीएम को रोकने और हथियार उठाने की भी अपील की।
उत्तराखंड पुलिस ने शुरुआत में धर्म संसद से जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की थी। संत धर्मदास महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ पूजा शकुन पांडे, जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
उत्तराखंड पुलिस ने बाद में यति नरसिंहानंद और सागर सिंधु महाराज (Sagar Sindhu Maharaj) का नाम भी एफआईआर में जोड़ा। एफआईआर दर्ज होने के बाद उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि आयोजन में जो कुछ भी हुआ वो गलत था।