न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): कांग्रेस (Congress) नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को 5 अगस्त से राम मंदिर (Ram Mandir) के शिलान्यास समारोह को स्थगित करना चाहिए क्योंकि यह आयोजन के लिए “अशुभ घड़ी” होगी।
दिग्विजय ने ट्वीट किया, “मैं मोदी जी से फिर से निवेदन करता हूं कि 5 अगस्त को राम मंदिर के लिए शिलान्यास समारोह के अशुभ अवसर को टाल दिया जाना चाहिए। राम मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद शुरू होना है और पीएम मोदी को अपना हठ छोड़ना चाहिए।”
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि COVID-19 के कारण सनातन धर्म के मानदंडों की अनदेखी के परिणामस्वरूप कई भाजपा नेता बीमार पड़ रहे थे। सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नज़र अंदाज करने का नतीजा –
- राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पोजिटिव
- उत्तर प्रदेश की मंत्री कमला रानी वरुण का कोरोना से स्वर्गवास
- उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना पोजिटिव अस्पताल में।
- भारत के गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पोजिटिव अस्पताल में।
- मध्यप्रदेश के भाजपा के मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कोरोना पोजिटिव अस्पताल में
- कर्नाटक के भाजपा के मुख्यमंत्री कोरोना पोजिटिव अस्पताल में।
उन्होंने कहा, “भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के लिए आस्था के केंद्र हैं और पीएम को हजारों वर्षों में स्थापित सनातन धर्म के मानदंडों और परंपराओं के साथ नहीं खेलना चाहिए।”
देश में COVID-19 के हालातों का जिक्र करते दिग्विजय सिंह राम मंदिर के शिलान्यास समारोह आयोजित करने की तात्कालिकता पर सवाल उठाया।
“अशुभ समय पर राम मंदिर का शिलान्यास करके, आप कितने लोगों को अस्पताल भेजना चाहते हैं मोदी जी? योगी जी, कृपया मोदी जी को समझाएँ। आपकी उपस्थिति में, सनातन धर्म के मानदंड और परंपराएँ क्यों टूट रहे है? आपकी क्या मजबूरी है जो आप ऐसा होने दे रहे हैं? ”
इन हालातों में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री को कोरोनटाइन नहीं होना चाहिए? क्या कोरोनटाइन में जाने की बाध्यता केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के लिए नहीं है? कोरोनटाइन की समय सीमा १४ दिवस की है।
उन्होंने आगे कहा कि पूरी कैबिनेट को संगरोध में जाना चाहिए अन्यथा वे अयोध्या के निवासियों को संक्रमित करेंगे।
दिग्विजय सिंह ने अपने अगले ट्वीट में आचार्य प्रमोद को ट्वीट करते हुए कहा कि इनका धर्म है “हिंदुत्व” जिसका सनातन धर्म व सनातनी परंपराओं से कोई सरोकार नहीं। सारी मर्यादाएँ इन्होंने तोड़ दीं। अब मुहुर्त भी मोदी जी ही निकालेंगे और वे ही शिलान्यास करेंगे। जिन कारसेवकों ने जान गँवाई उनके परिवारों को भी इन्होंने भुला दिया।
प्रधानमंत्री 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने वाले हैं।
राम मंदिर का निर्माण शिलान्यास समारोह के बाद शुरू होगा जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री और आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) भी भाग लेंगे।