न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): Bulli Bai App: बेंगलुरु की एक इंजीनियरिंग की छात्रा समेत उत्तराखंड की एक युवती और उसके एक दोस्त को मुंबई पुलिस ने ‘बुली बाई’ ऐप मामले में गिरफ्तार किया। मामले पर मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले (Mumbai Police Commissioner Hemant Nagrale) ने कहा कि, “बुली बाई’ ऐप मामले में विशाल कुमार झा और श्वेता सिंह समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तीसरा आरोपी श्वेता का दोस्त है।”
मुंबई पुलिस आयुक्त ने ये भी कहा कि इस मामले में और लोगों को शामिल करने की जरूरत हो सकती है। इसलिए उन्होंने मामले के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों से गुज़ारिश की है कि वो आगे आये और पुलिस के साथ जानकारियां साझा करें। इससे पहले उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) ने मीडिया को बताया कि श्वेता सिंह, जो कथित तौर पर ऐप के पीछे की मास्टरमाइंड है, वो बहुत गरीब परिवार से आती है।
कुमार ने आगे कहा कि, “उसके पिता की मौत हो गयी है, ऐसा लगता है कि उसने पैसे के लिये ऐसा किया।” आरोपी के निजी जानकारियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुंबई पुलिस (Mumbai Police) आयुक्त ने कहा, “हमने इन लोगों को अलग-अलग जगहों से पकड़ा है और कुछ स्थानीय अधिकारियों ने इसके बारे में कुछ अलग अलग जानकारियां दी हैं, मुझे लगता है कि इसकी जरूरत नहीं थी।”
उन्होंने कहा कि, “उन्हें मामले के विवरण की जानकारी नहीं थी। आम तौर पर हम अन्य राज्यों के मामलों के बारे में बात नहीं करते हैं।” दूसरी ओर बांद्रा की एक अदालत ने विशाल कुमार को 10 जनवरी तक पुलिस हिरासत (Police Custody) में भेज दिया है और श्वेता सिंह ट्रांजिट रिमांड (Transit remand) पर है।
मुंबई पुलिस ने बीते सोमवार (3 जनवरी 2022) को उन शिकायतों की बुनियाद पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें कहा गया था कि गिटहब प्लेटफॉर्म (GitHub Platform) पर होस्ट किये गये ‘बुली बाई’ एप्लिकेशन पर महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ऑनलाइन नीलामी (Online Auction) के लिये अपलोड किया गया था।
बीते रविवार (2 जनवरी 2022) को पश्चिम मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन ने ऐप को बढ़ावा देने वाले ‘बुली बाई’ ऐप डेवलपर्स और ट्विटर हैंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, अज्ञात अपराधियों के खिलाफ धारा 153 (ए) (धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 (बी) (आरोप, राष्ट्रीय एकता के लिये हानिकारक दावे), 295 (ए) (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 354D (पीछा करना), 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला के शील का अपमान करने का इरादा), भारतीय दंड संहिता की 500 (आपराधिक मानहानि) और धारा 67 (अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।