बिजनेस डेस्क (राज कुमार): उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने हालिया बयान में कहा कि टमाटर और प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमतों (Onion And Tomato Prices) में पिछले महीने के मुकाबले 29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी, क्योंकि मंडियों में मुख्य सब्जियों की आवक मानसून की बारिश की शुरूआत के साथ बेहतर हुई है। इसके अलावा प्याज की खुदरा कीमतें (Retail Prices of Onions) भी काफी हद तक नियंत्रण में हैं, जो पिछले साल के स्तर से 9 फीसदी कम है।
प्याज और टमाटर भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले दो अहम खाद्य पदार्थ हैं। पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए केंद्र सरकार ने 2022-23 सीजन के लिये बफर के तौर पर 2.50 लाख टन प्याज की खरीद की है। चालू वित्त वर्ष के लिये प्याज का बफर स्टॉक 2021-22 के दौरान खरीदे गये 2.0 लाख टन से 0.50 लाख टन ज़्यादा है। मौजूदा रबी फसल के मौसम से खरीदे गये प्याज मूल्य स्थिरीकरण (Price Stabilization) के लिये हैं, अगर कम आपूर्ति के मौसम में प्याज की कीमतों में ज़्यादा से ज़्यादा इज़ाफा होता है तो केंद्र सरकार बफर स्टॉक (Buffer Stock) से प्याज निकालकर आम जनता को उपलब्ध करवाती है।
अतीत में ऐसे कई उदाहरण हैं जब प्याज की कीमतों में तेजी से इज़ाफा हुआ है, जिसके लिये तुरन्त सरकारी दखल दी गयी। जिसमें व्यापारियों पर प्याज़ स्टॉक सीमा लागू करने के साथ निर्यात पर प्रतिबंध लगाना खासतौर पर शामिल रहा है। अप्रैल-जून के दौरान रबी प्याज की कटाई भारत के प्याज उत्पादन का 65 फीसदी है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई तक ये उपभोक्ता की मांग को पूरा करती है।
बता दे कि बफर की खरीद ने इस साल प्याज की मंडी कीमत को गिरने से रोकने में मदद की है, जबकि कृषि और किसान कल्याण विभाग (Agriculture and Farmers Welfare Department) से 317.03 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन की जानकारी सामने आयी है। बफर स्टॉक लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से जारी किया जायेगा और खुदरा दुकानों के जरिये आपूर्ति के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों समेत अन्य सरकारी एजेंसियों (जैसे नैफेड) को भी स्टॉक दिया जायेगा।