न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Onion Price Hike: खराब मौसम के हालात और सप्लाइ चैन में रूकावट के चलते कई उत्तर भारतीय राज्यों में टमाटर की कीमतों (Tomato Prices) में इज़ाफे के बाद, केंद्र ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया, जिससे पूरे देश में प्याज की कीमतों में इज़ाफा हुआ है, जिससे कीमतों में सीधी बढ़ोतरी की उम्मीद है। प्याज़ के दामों में ये उछाल सितंबर तक भी जारी रहेगा।
केंद्र सरकार (Central Government) ने देश भर में प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया, जिससे प्याज की कीमत में खासा इज़ाफा हुआ। औसतन कई राज्यों में प्याज पर 2-5 रुपये की बढ़ोतरी देखी गयी, जबकि कुछ जगहों पर कीमतों में 20 रुपये की बढ़ोतरी भी दर्ज की गयी।
देश भर में प्याज पर लगाये गये निर्यात शुल्क के चलते प्याज की दामों में अचानक से इज़ाफा हुआ, जिसकी वज़ह से आखिरकर केंद्र ने दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और अन्य समेत कई राज्यों में रियायती दामों पर प्याज के स्टॉक की पेशकश की।
केंद्र ने सब्सिडी वाले प्याज स्टॉक के लिये 25 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत तय की, जिससे कि ये स्टॉक जल्द ही खत्म हो जायेगा। हालाँकि यहाँ प्याज की कीमत बढ़ने के पीछे का असली कारण है और केंद्र ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का फैसला क्यों किया है?
केंद्र की ओर से प्याज पर लगाया गया निर्यात शुल्क दुनिया भर में आवश्यक वस्तु के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिये है। भारत प्याज के प्रमुख निर्यातकों में से एक है, जिसके चलते देश में ही सब्जियों की दामों काफी उछाल आया।
देश में प्याज की कीमतों की मुद्रास्फीति (inflation) पिछले दो सालों से निगेटिव बनी हुई है, इस साल जुलाई में ये 11 प्रतिशत से ज्यादा हो गई। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की इस मंहगाई को काबू में करने के लिये केंद्र ने प्याज के निर्यात को रोकने करने के लिये निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया।
देश में प्याज की कीमतों पर काबू पाने के अलावा केंद्र सरकार अनियमित मौसम के हालातों के चलते अप्रत्याशित उपज का प्रबंधन करके, देश भर में प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने की भी कोशिश कर रहा है।