न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Min. I&B) ने अब ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल-ऑनलाइन कंटेंट और प्रोग्राम पर लगाम कसने का पूरा मन बना लिया है। जिसके लिए कैबिनेट सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद अब ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडरों और ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलों के ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, ऑनलाइन समाचार और करंट अफेयर्स के कंटेंट पर मंत्रालय अब निगरानी रख सकेगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब इस अधिसूचना को कानून का रूप देकर जल्द लागू कर दिया जायेगा। इसकी मदद से उन वेबसाइट और न्यूज़ पोर्टल पर नकेल कसी जा सकेगी। जो कि धारणा बनाने और दुष्प्रचार का काम (Perception Making & And propaganda work) करते है।
हाल ही में न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नियमन पर जोर दिया था। इस दौरान माननीय न्यायालय ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मानक तय करने से पहले सबसे पहले डिजीटल माध्यमों के लिए नियमन प्रावधान और निगरानी प्रणाली (Regulation Provision and Monitoring System) विकसित करनी होगी। इस पर केन्द्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि- प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक के नियमन लिए पहले से ही नियम-कायदे मौजूद हैं। डिजिटल मीडिया की पहुंच बहुत फैली हुई है, इसलिए उसका असर भी बेहद ज़्यादा है। जिसके मद्देनज़र अब ये अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
इसी के मद्देनज़र अब केन्द्र सरकार डिजिटल मीडिया में काम करने वाले वीडियोग्राफरों, फोटोग्राफरों और पत्रकारों को पीआईबी मान्यता (PIB Recognition) देने पर विचार कर रही है। जिसकी मदद से डिजीटल मीडिया में काम करने वाले पत्रकार, संवाददाता, वीडियोग्राफर और फोटोग्राफर अब केन्द्र सरकार के सम्मेलनों और कार्यक्रमों में सीधा हिस्सा ले पायेगें। कयास लगाये जा रहे है कि डिजीटल मीडिया ऑर्गनाइजेशन अब संयुक्त रूप से मिलकर सरकार के साथ संवाद कायम करने के लिए स्व-नियमन संस्था (Self-regulating body) गठित कर सकती है।