एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) ने बीते गुरुवार (13 अप्रैल 2023) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। बैठक के बाद पवार ने कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए और उन सभी तक पहुंचने की कवायद की जानी चाहिये। अगले साल के आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा लाने के अपने प्रयासों के तहत बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने वामपंथी नेताओं सीताराम येचुरी और डी राजा (Sitaram Yechury and D Raja) के साथ ही आप नेता संजय सिंह से भी मुलाकात की।
एनसीपी प्रमुख की कांग्रेस नेताओं के बैठक करने से ठीक एक दिन पहले नीतीश ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत की थी, राजनीतिक पंड़ित इसके कई बड़े और अहम मायने निकाल रहे है। जद (यू) प्रमुख जिन्होंने बुधवार (12 अप्रैल 2023) को AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) से भी मुलाकात की थी, बाद में पटना के लिए रवाना हो गये।
पवार ने कहा कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और केजरीवाल जैसे नेताओं तक पहुंचने का प्रयास किया जाना चाहिए, बता दे कि टीएमसी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो 2024 के चुनावों के लिए किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जेपीसी जांच के अपने विरोध को कम करने के बाद विपक्षी एकता बनाने के लिये बैठक की पहल खुद पवार ने की। जिस पर उन्होनें कहा कि वो विपक्षी एकता के लिए जेपीसी का विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि एक साथ आने के बारे में सभी दलों का एक ही विचार है लेकिन तर्क दिया कि सिर्फ इससे मदद नहीं मिलेगी और एकता के लिये लगातार सही प्रयास किये जाने चाहिये।
खड़गे और राहुल के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पवार ने कहा कि, “कुछ राजनीतिक दलों की विचारधाराएं समान हैं (और) उन्हें एक साथ लाने के प्रयास किये जाने चाहिए। खड़गे (राज्यसभा में) विपक्ष के नेता हैं और उन्होंने ये प्रयास किया है जिससे सभी को लाभ होगा। ये एक शुरुआत है। इसके बाद अन्य विपक्षी दल जैसे ममता बनर्जी की टीएमसी या अरविंद केजरीवाल की आप या अन्य पार्टियां जिनके साथ बातचीत नहीं हुई है… उन्हें एकता के लिये इस प्रक्रिया के तहत एक साथ लाने का प्रयास किया जाना चाहिये।
खड़गे ने कहा कि, ‘हमें खुशी है कि शरद पवार साहब मुंबई से सीधे यहां आये हैं और उन्होनें हमारा मार्गदर्शन किया।’ बीते बुधवार को नीतीश कुमार और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) के साथ उनकी और राहुल की बैठक में, खड़गे ने कहा था कि, “सभी समान विचारधारा वाले दलों को देश, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिये एकजुट होना चाहिए, इसके अलावा स्वतंत्रता भाषण और अभिव्यक्ति, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और स्वायत्त निकायों के गलत इस्तेमाल जैसे मुद्दों को उठाना चाहिये। हमने एक साथ आने और लड़ने का फैसला किया है, और हम सभी पार्टियों से बात करेंगे। कल हम दो पार्टियों से मिले थे और आज पवार साहब आये हैं और हमने फैसला किया है कि हम सबसे मिलेंगे, उनसे बात करेंगे और एक साथ आगे बढ़ेंगे।”
इसी मुद्दे पर राहुल ने कहा कि, ”विपक्ष को एकजुट करने का ये सिलसिला शुरू हो गया है। ये एक शुरुआत है और सभी पक्ष इस प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्ध हैं।”
खड़गे ने बाद में पवार और राहुल के साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट की और लिखा कि, “मजबूत एक साथ! हम अपने लोगों के बेहतर, उज्जवल और समान भविष्य बनाने के लिये एकजुट हैं। राहुल गांधी जी के साथ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार जी से मुलाकात की और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की।
नीतीश से मुलाकात पर माकपा महासचिव येचुरी ने कहा कि, ‘विपक्षी एकता के प्रयासों में काफी तेजी आई है। एक विपक्षी गठबंधन बनाया जायेगा और सीटों का एडजस्टमेंट राज्य स्तर पर किया जायेगा।”
सीपीआई के महासचिव डी राजा ने ट्रैंडी न्यूज को बताया कि, “नीतीश कुमार ने कहा कि हम सभी को एक साथ आना होगा और एक साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिये राजनीतिक स्तर पर पहल करनी होगी। मैंने उनकी पहल की तारीफ की और उनसे कहा कि हमारा शुरूआती मकसद भाजपा को हराना होना चाहिए, जिसके लिये सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक दलों को एक साथ आना चाहिये…”
अंदरूनी सूत्रों से छनकर ये भी खब़र सामने आ रही है कि नीतीश की तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख चंद्रशेखर राव (Chandrasekhar Rao) और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी बात करने की भी योजना है।
बिहार के सीएम ने कांग्रेस के साथ हुई बैठक में कहा था कि वो वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी, बीजू जनता दल के प्रमुख और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भी संपर्क साधेगें।
विपक्षी ताकतों को एकजुट करने के तहत बनी योजना एक महीने के भीतर इससे जुड़ी बातचीत पूरी करने की है और फिर सभी विपक्षी दलों की बड़ी बैठक हो सकती है। इस बैठक में आगे का रोडमैप, सीटों के बंटवारे और चुनावी रणनीति बनाने के लिये आम सहमति बनाने की कवायदें छेड़ी जायेगी, साथ ही इस बैठक में जितनी मुमकिन हो सके उतनी लोकसभा सीटों पर भाजपा के खिलाफ सिर्फ एक ही विपक्षी उम्मीदवार हो और विपक्षी एकता को औपचारिक ढांचा देने की संभावना तलाशने पर भी गहन चर्चा की जायेगी।