हेल्थ डेस्क (यामिनी गजपति): बॉलीवुड गायक और संगीतकार बप्पी लाहिरी (Bollywood singer And Composer Bappi Lahiri) ने मंगलवार (15 फरवरी 2022) देर रात मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली, अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक उनकी मृत्यु ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की वज़ह से हुई। उन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) के कारण हुए फेफड़ों के संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
डॉक्टर दीपक नामजोशी (Dr. Deepak Namjoshi) के मुताबिक- “लहिरी को फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक महीने के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के कारण हुआ था। हमने सोमवार (14 फरवरी 2022) को उन्हें छुट्टी दे दी और वो बिल्कुल ठीक थे। उनकी नब्ज नॉर्मल थीं। लेकिन मंगलवार को उनकी सेहत बिगड़ गयी और उनका परिवार उन्हें अस्पताल ले लाया आया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्यायें थीं। आधी रात से कुछ समय पहले ओएसए (Obstructive Sleep Apnea) की वज़ह उनकी मृत्यु हो गयी।”
आखिर क्या है स्लीप एपनिया (OSA)?
स्लीप एपनिया गंभीर स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें बार-बार सांस लेना बंद होना शुरू जाता है। अगर आप जोर से खर्राटे लेते हैं और पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस करते हैं तो आपको स्लीप एपनिया हो सकता है। स्लीप एपनिया तीन तरह के होते हैं।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया – ये ज़्यादा सामान्य रूप है, जो तब होता है जब गले की मांसपेशियां रिलैक्स करती हैं।
सेंट्रल स्लीप एपनिया – ये तब होता है जब आपका दिमाग सांस को काबू करने वाली मांसपेशियों को ठीकठाक न्यूरल सिग्नल नहीं भेजता है।
कॉम्प्लिकेटिड स्लीप एपनिया सिंड्रोम – ये उस मरीज के होता है, जिन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया और सेंट्रल स्लीप एपनिया दोनों होते हैं। इस हालात में तुरन्त इलाज़ की जरूरत होती है।
क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया?
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सबसे आम सांसों से जुड़ी समस्यायों में से एक है, जिसमें मरीज की सांसे बेहद कम अंतराल के लिये बार-बार रुक जाती है और वो नींद में सांस लेना शुरू कर देता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया तब होता है, जब आपके गले के पिछले हिस्से में नरम तालू, उवुला और टॉन्सिल को सहारा देने वाली मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं।
मांसपेशियां गले और जीभ की पिछली दीवारों को भी सहारा देती हैं। नरम तालू से लटके हुए ऊतक के तिकोनानुमा टुकड़े को उवुला कहा जाता है। जब रिलैक्स आराम करती हैं तो सांस लेते समय वायुमार्ग संकरा या बंद हो जाता है। पर्याप्त हवा की कमी से रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है।
दिमाग सांस लेने में असमर्थता को महसूस करता है और थोड़ी देर के लिये नींद से जगाता है ताकि व्यक्ति वायुमार्ग को फिर से खोल सके। लोग वायुमार्ग खोलने के लिये जागते हैं और शायद इसे करना याद भी न रखें। गंभीर मामलों में ये एक घंटे में कई बार हो सकता है।
इस रुकावट के कारण मरीज के डायाफ्राम और छाती की मांसपेशियां फेफड़ों में हवा खींचने के लिये वायुमार्ग को खोलने के लिये ज़्यादा मेहनत करती हैं। ऐसे में मरीज की सांस उथली हो जाती है या वो कुछ देर के लिए सांस लेना बंद कर देता है और फिर जोर से झटके या हांफते हुए सांस लेता है।
ये पैटर्न पूरी रात हर घंटे पांच से 30 बार या ज़्यादा बार हो सकता है, जिससे नींद गहरी और आरामदायक स्टेज तक पहुँचने में नाकाम रहती है। मोटापा, सूजन वाले टॉन्सिल और यहां तक कि अंतःस्रावी विकार या हार्ट फेल्योर जैसी हेल्थ प्रॉब्लम भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की वज़ह बन सकती हैं।
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण
- दिन में बहुत नींद आना
- जोरों से खर्राटे आना।
- नींद के दौरान रुकी हुई सांसों का दौर।
- हांफने या घुटन के साथ अचानक नींद से जागना।
- सूखे मुँह या गले में खराश के साथ नींद से जागना।
- सुबह का सिरदर्द।
- दिन के दौरान ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई।
- मनोदशा में बदलाव, जैसे अवसाद या चिड़चिड़ापन।
- उच्च रक्त चाप
- कामेच्छा में कमी
डॉक्टर से कब मिले
आप अपने फैमिली फिजिशयन या फिर मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह ले सकते है। अगर आप में ये समस्यायें आती है तो
- जोरों से और तेज खर्राटे लेते हुए सोना।
- हांफते या घुटते हुए गहरी नींद से जागना।
- नींद के दौरान सांसों का एकाएक रुक जाना।
- दिन में ज्यादा नींद आना, जिसके वज़ह से आपको काम करते वक़्त, टीवी देखते हुए या गाड़ी चलाते हुए भी नींद आ सकती है।