दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रचार अभियान को पैनापन देने के लिए भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व ने कई दिग्गज़ो को मैदान में उतारा। इन्हीं दिग्गज़ों में से एक केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर है। 27 फरवरी को दिल्ली के रिठाला में एक चुनावी सभा के दौरान उन्होनें मंच से बीजेपी कार्यकर्ताओं को आपत्तिजनक नारे लगवाये। जिसके बाद सियासी गलियारे में खलबली मच गयी। आनन-फानन में चुनाव आयोग ने उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी किया।
अनुराग ठाकुर ने मंच से सीएए ,एनआरसी और शाहीन बाग की बात कहते हुए ये नारेबाज़ी करवायी थी। बीते कल गिरिराज सिंह ने भी ठीक उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसके दोषी अनुराग पाये गये थे। इसी मसले को लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधते हुए दावा किया कि, उन्हें अनुराग की चुनौती कुबूल है। गोली मारने की दिन और जगह खुद अनुराग तय करे, वे वहाँ पहुँच जायेगें। औवेसी के मुताबिक उन दिल में डर नहीं है।
इस बीच अनुराग ठाकुर पर प्रथम दृष्टया चुनावी आचार संहिता भंग करने का मामला दर्ज किया गया है, जिसे लेकर उन्हें 30 फरवरी तक अपना ज़वाब दाखिल करना है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपी गयी रिपोर्ट में लिखा गया है कि, चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने एक विशेष समुदाय को निशाना बनाते हुए इरादतन नारे लगवाये।
दिलचस्प ये भी है कि भाजपा के ही एक दूसरे प्रत्याशी कपिल मिश्रा पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे चुनाव प्रचार रोकने का फरमान सुनाया था।