न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): मुंबई में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद विरोधी (UN CTC) बैठक में हुए सार्वजनिक खुलासे में भारत ने आज (28 अक्तूबर 2022) पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर (Terrorist Sajid Mir) के ऑडियो टेप को चलाकर 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की भूमिका का खुलासा किया। ऑडियो क्लिप में आंतकी को मुंबई 26/11 के आतंकी हमलों के दौरान चबाड हाउस (Chabad House) पर हमले का फरमान देते हुए सुना जा सकता है।
ऑडियो क्लिप चलाकर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए। क्लिप को खुफिया ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी पंकज ठाकुर ने ताजमहल पैलेस में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) काउंटर-टेररिज्म कमेटी (CTC) की बैठक में चलाया था। इस ऑडियो क्लिप में साजिद मीर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) से आतंकवादियों को हमले का हुक्म देते हुए सुना जा सकता है, जहां वो उन आतंकियों को निर्देश दे रहा है जो मुंबई 26/11 के आतंकी हमलों के दौरान चबाड हाउस में मौजूद थे।
ठाकुर ने ये खुलासा 15 से ज़्यादा देशों के कई विदेश मंत्रियों और राजनयिकों की मौजूदगी में किया। बता दे कि साल 2008 में हुए 26/11 हमले के बाद से ही साजिद मीर भारत का मोस्ट वॉडेंट आंतकी रहा है। बता दे कि ये हमला 26 नवंबर 2008 से शुरू होकर और 29 नवंबर 2008 तक जारी रहा। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT- Lashkar-e-Taiba) के दस ट्रेंड आंतकियों ने होटल समेत मुंबई में कई ठिकानों को निशाना बनाया था। इस आंतकियों ने सिलसिलेवार तरीके से हमलों को अंजाम दिया। इस दौरान ल्यूपॉड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन (Chhatrapati Shivaji Terminus Railway Station) पर लगभग 170 लोग मारे गये। तीन दिनों तक चले इस हमले में छह अमेरिकी नागारिक भी मारे गये थे।
इन हमलों को मास्टरमांइड साजिद मीर था। मीर की अगुवाई में ही हमले की तैयारियां, रेकी और असॉल्ट प्लानिंग (Reiki and Assault Planning) की गयी थी। इस दु:खद हमले के फौरन बाद सीआईए स्टेशन प्रमुख ने आईएसआई एनालिसिस निदेशक मेजर जनरल अख्तर (Major General Akhtar) से मुलाकात की और उन्हें चैट और कम्युनिकेशन इंटरसेप्ट्स (Communication Intercepts) दिये, जिससे की पूरी तरह साफ हो गया कि हमलों का ताना-बाना पाकिस्तानी सरज़मी पर बुना गया था।
इस बीच चीन ने हाल के महीनों में पाकिस्तान आंतकी संगठनों को अपनी सरपरस्ती मुहैया करवायी। बीजिंग (Beijing) ने इस महीने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के प्रमुख हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद (Talha Sayeed) को लिस्टेड टेरेरिस्ट करने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया। ये पांचवीं बार था जब चीन ने हाल के महीनों में भारत-अमेरिका के प्रस्ताव को रोक दिया। भारत और अमेरिका अक्टूबर में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शाहिद महमूद, सितंबर में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी साजिद मीर, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (Jamaat-ud-Dawa) को आंतकी घोषित करने को प्रस्ताव पर रोक लगा दी।
इसी क्रम में जून महीने में (JuD) नेता अब्दुल रहमान मक्की, साथ ही अगस्त में जैश-ए मोहम्मद (JEM) प्रमुख मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को भी बीजिंग ने अपनी वीटो पावर से बचाया। इसके अलावा कई भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से हटाने का मुद्दा उठाया और कहा कि FATF से पाकिस्तान को हटाने से आतंकी हमले बढ़ सकते हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर कर दिया गया है, जिसमें वैश्विक निगरानी संस्था ने कहा है कि इस्लामाबाद (Islamabad) अपने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-टेररिज़्म (Anti-Money Laundering and Counter-Terrorism) को और बेहतर बनाने के लिये मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया/पैसिफिक ग्रुप के साथ काम करना जारी रखेगा।