Pakistan: इस वज़ह से ईसाई अल्पसंख्यकों पर टूटा कट्टरपंथियों का कहर, निशाने पर है गिरिजाघर और ईसाई बस्तियां

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Pakistan: क्या धर्म के नाम पर हिंसा फैलाना, अल्पसंख्यकों के घर जलाना, उनके इबादतगाहों पर हमला करना और लोगों को मारना जायज़ है? किसी भी देश, किसी भी धर्म में इसकी इजाजत नहीं है. लेकिन जब बात पाकिस्तान की आती है तो मामला अलग होता है क्योंकि शायद पाकिस्तान में आये दिन दूसरे धर्मों के लोगों को धार्मिक नारे लगाते हुए मारा जा रहा है, उनके पूजा स्थलों को जलाना देशव्यापी अशांति का नियमित हिस्सा बन गया है।

देश में हाल ही में हुई हिंसा से पाकिस्तान का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा उजागर हो गया है, जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकार तो छीन लिये गये हैं, लेकिन कट्टरपंथियों को अल्पसंख्यकों के घर जलाने, पूजा स्थलों पर हमला करने और धार्मिक प्रतीक अपमान करने का पूरा अधिकार दे दिया गया है।

कट्टरपंथियों की भीड़ चर्चों पर हमले कर रही है, ईसाइयों की पवित्र बाइबिल (Holy Bible) की बेअदबी कर रही है। चर्चों में आग लगायी जा रही है. लेकिन इन कट्टरपंथियों को ऐसा करने से रोकने वाला कोई नहीं है। कट्टरपंथी खुलेआम धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं। ज़बरन धर्मपरिवर्तन करवाकर अल्पसंख्यक समुदायों का बच्चियों का निकाह करवाया जा रहा है।

चर्चो पर ये हमले पाकिस्तान में पंजाब के फैसलाबाद (Faisalabad) शहर में हुए हैं। बुधवार (16 अगस्त 2023) सुबह अफवाह फैल गयी कि जारनवाला इलाके में पवित्र कुरान (Holy Quran) का अपमान और निंदा की गयी है, लेकिन इससे पहले कि पाकिस्तानी पुलिस कोई सबूत या गवाह ढूंढ पाती, कट्टरपंथियों की भीड़ जारनवाला (Jaranwala) इलाके के चर्च और ईसाई बस्ती में पहुंच गई। दंगाइयों में शामिल उग्रवादियों के हाथों में धारदार हथियार, लाठी-डंडे और पेट्रोल था। ये लोग चर्च में घुसे, तोड़फोड़ की, फिर चर्च की छत पर पहुंचे और क्रॉस गिरा दिया। इसके बाद चर्च में पेट्रोल डालकर आग लगा दी गयी।

भीड़ यहीं नहीं रुकी, कट्टरपंथियों ने इलाके में रहने वाले ईसाई लोगों के घरों को निशाना बनाया। नाम पूछने के बाद उन्हें सड़कों पर बुरी तरह पीटा गया। उन्होंने घरों में घुसकर सामान तोड़ दिया, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और कट्टरपंथियों की भीड़ अलगाव का नारा लगाते हुए चर्चों और ईसाइयों के घरों पर हमले करती रही।

पाकिस्तान में रहने वाले ईसाई अब आश्रय स्थलों में छिप रहे हैं, उन्हें डर है कि हालिया हिंसा का बदनुमा चेहरा उनके साथ काफी कुछ बुरा कर सकता है। हालाँकि अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसी तरह के हमलों का सामना देश में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों को भी करना पड़ा है।

अभी दो दिन पहले अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट ने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में सबसे खराब देश बताया और ईसाइयों के खिलाफ हाल के हमले यही साबित करते हैं।

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