न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के दिन कुछ ऐसा हुआ जो पहले कभी नही हुआ। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में ट्रेक्टर रैली निकाल रहे किसान संगठनों का ये प्रदर्शन अचानक से बेहद उग्र हो गया जिसके चलते भारी मात्रा में किसान पुलिस को खदेड़ते हुए लाल किला पहुँच गये और लाल किले की प्राचीर पर उस जगह सिख धर्म का झंडा निशान साहिब लहरा दिया। इस बीच ट्विटर पर एक खास पैटर्न देखने को मिला। ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (All Pakistan Muslim League-APML) की ऑफिशल टि्वटर अकाउंट से कई ट्वीट कर आंदोलन को हवा देने की कोशिश की गई। और देखें: दिल्ली में बिगड़ते हालातों के लिए BJP विधायक ने केजरीवाल को ठहराया जिम्मेदार, कही उपद्रवियों को गोली मारने की बात
इन ट्वीट्स में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों के साथ-साथ हिंदुत्व को भी घेरा गया। साथ ही पंजाब को सही हक़ देते हुए आजाद कराने की मांग की गयी। ट्विट में लिखा गया कि, किसान आंदोलन सही दिशा में जा रहा है। इन ट्विटस का भाषा और अपील खालिस्तानी एजेंडे (Khalistani agenda) से प्रभावित होती दिखी। और पढ़े: Kisan Tractor Parade Live: किसानों ने लाल किले की प्राचीर से फहराया झंडा
भारतीय गणतन्त्र दिवस को काला दिन बताते हुए APML ने ट्विट कर लिखा कि- शांतिपूर्ण सिख प्रदर्शनकारियों ने लाल किले से भारतीय झंडे को हटा दिया और निशान साहिब लहराया जो सिख लोगों के लिए बहुत पवित्र है। सिख किसान और मुसलमान डटे रहो।
सीमा पार से हो रहे ट्वीटस की भाषा और अपील बड़ी चिंता का मसला है। ऐसे में कई बड़े सवाल उभरते दिख रहे है। किसान आंदोलन की आड़ में पाकिस्तान खालिस्तानी एजेंडे को क्यों तव्ज़जों दे रहा है? किसान आंदोलन की आड़ में क्या वाकई खालिस्तानी राजधानी दिल्ली में पांव पसार रहे हैं?आखिर पाकिस्तान को भारतीय मुसलमानों, सिक्खो और किसानों की चिंता क्यों होने लगी? इस बात से बीजेपी के उस दावे को मजबूती मिलती दिख रही है, जिसमें कहा गया था कि आंदोलन को विदेशी सहायता मिल रही है। जिसमें आईएसआई और खालिस्तानी दहशतगर्दों का हाथ शामिल है। और ज्यादा जानें: Kisan Tractor Rally Live Updates: किसान हुए बेकाबू, दिल्ली में घुसे आंदोलनकारी