एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI- Pakistan Tehreek-e-Insaf) सरकार की मुख्य सहयोगी और मुख्य गठबंधन सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQMP- Muttahida Qaumi Movement Pakistan) ने विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ समझौता कर इमरान सरकार को बड़ा झटका दिया।
पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (PPP Chairman Bilawal Bhutto Zardari) ने ट्वीट कर लिखा कि, “संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम एक समझौते पर पहुंच गये हैं। राबता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी इस समझौते की पुष्टि करेंगे। इसके बाद हम प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ सभी जानकारी साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।”
31 मार्च को इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले देर रात हुए घटनाक्रम के बाद पीटीआई सरकार ने संसद के निचले सदन में बहुमत खो दिया है। सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी एमक्यूएम-पी ने इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार के साथ अलग होने का फैसला करने के बाद संयुक्त विपक्ष में नेशनल असेंबली के 177 सदस्य हैं, जिसमें से 164 एमएनए साथ छोड़ चुके है।
प्रधान मंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को सफल बनाने के लिये संयुक्त विपक्ष को 172 एमएनए के समर्थन की जरूरत है। इस बीच इमरान खान ने आरोप लगाया कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं, संघीय मंत्री असद उमर ने दावा किया कि पीएम पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल (Omar Atta Bandiyal) को अपने दावे पर वापस लाने के लिये वो खत दिखाने के लिये तैयार हैं।
पीएम इमरान ने अपनी रैली के दौरान कहा था कि, ‘पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिये विदेशी पैसे के जरिये कोशिश की जा रही है। हमारे लोगों का ज्यादातर अनजाने में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं, हम पर लगातार दबाव डाला जा रहा है। हमें लिखित में धमकी दी गयी है लेकिन हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे।”