Pakistan: शहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद बीजिंग की ओर बढ़ेगा इस्लामाबाद का झुकाव

शहबाज शरीफ पाकिस्तान (Pakistan) के नये प्रधानमंत्री बन गये हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि अब पाकिस्तान का चीन के प्रति झुकाव और बढ़ सकता है। पीएम के तौर पर उन्होनें अपने पहले ही भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया और ये भी कहा कि चीन पाकिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त है। नेशनल असेंबली (National Assembly) में अपने भाषण के दौरान शहबाज शरीफ ने तीन बड़ी बातें कहीं।

उन्होंने पहली बात ये कही कि कश्मीर पर बातचीत के बिना भारत के साथ संबंध मजबूत नहीं हो सकते। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि वो कश्मीर के मुद्दे को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठायेगें। दूसरी बात ये है कि चीन (China) पाकिस्तान का खास दोस्त है और ये दोस्ती किसी तीसरे देश की वजह से कभी नहीं टूटेगी। शहबाज शरीफ ने भी चीन को सुख-दुख में पाकिस्तान का साथी बताया।

तीसरा उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इमरान खान की भूमिका की जांच करेगी और ये जांच एक मामले तक सीमित नहीं होगी। यानि संविधान से छेड़छाड़ का मामला हो या उनकी सरकार में दूसरे देशों की भूमिका का, शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) इमरान खान के खिलाफ कई मामले दर्ज करा सकते हैं।

70 वर्षीय पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Former Prime Minister Nawaz Sharif) के छोटे भाई हैं। राजनीति में आने से पहले शहबाज शरीफ की पहचान पाकिस्तान में बड़े बिजनेसमैन के तौर पर थी। साल 1986 में उन्होंने इत्तेफाक ग्रुप की स्थापना की, जो आज भी कंस्ट्रक्शन और स्टील इंडस्ट्री में बड़ा नाम है। साल 1990 में शहबाज शरीफ के पास सिर्फ 21 लाख रुपये की संपत्ति थी। लेकिन साल 2018 में उनकी संपत्ति बढ़कर 732 करोड़ रुपये हो गयी।

उनकी संपत्ति में ये इज़ाफा तब भी हुआ जब उन्होंने इत्तेफाक समूह (Ittefaq Group) के गठन के दो साल बाद 1988 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद साल 1997 में वो पहली बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab Province) के मुख्यमंत्री बने। साल 2008 और 2013 में भी वो फिर से पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने। ये उस वक़्त की बात है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री उनके बड़े भाई नवाज शरीफ थे। नवाज शरीफ के कार्यकाल के दौरान शहबाज शरीफ पर दो बेहद गंभीर आरोप लगे थे।

पहला आरोप ये था कि उन्होंने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी कंपनियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया और टैक्स हैवन देशों (Tax Haven Countries) में कई फर्जी कंपनियां बनाकर उनमें निवेश किया। और दूसरा आरोप ये था कि जब वो पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे तो उनकी सरकार ने चीन के साथ सबसे अधिक कारोबारी सौदे किये थे।

साल 2016 में जब शहबाज शरीफ ने चीन का दौरा किया तो उन्होंने कुल 7 कारोबारी सौदों और निवेश पर 17 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये। आरोप हैं कि इन समझौतों के तहत शहबाज शरीफ ने बड़ी चीनी कंपनियों को फायदा पहुंचाया। और कल्पना कीजिये अब जब वो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गये हैं तो चीन के साथ उनकी साझेदारी कितनी मजबूत होगी।

सह-संस्थापक संपादक: राम अजोर

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