एजेेंसियां/न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): इमरान खान को नेशनल असेंबली द्वारा बाहर किए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) राजनीतिक दुविधा में बना हुआ है, प्रधान मंत्री पद के लिये शीर्ष विकल्पों ने संसद में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है, उनके भाग्य का फैसला आज (11 अप्रैल 2022) होगा।
पाकिस्तान के पीएम पद के लिये शीर्ष दावेदार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं।
अविश्वास प्रस्ताव के जरिये इमरान खान को बाहर किये जाने के बाद शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान के पीएम पद के लिये अपना नामांकन दाखिल किया। राजनीतिक नेताओं अमीर डोगर और मलीका बोखारी (Amir Dogar and Malika Bokhari) के समर्थन से कुरैशी का नामांकन कल (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान नेशनल अंसेम्बली में अहम फैसला बन गया।
नेशनल असेंबली ने दोनों उम्मीदवारों के नामांकन की ऐलान करते हुए ट्वीट सामने आया कि, ‘मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ और शाह महमूद कुरैशी के सदन के नेता/प्रधानमंत्री के चुनाव के लिये नामांकन पत्र मंजूर किये गये। नामांकन पत्रों की जांच की गयी। जांच के बाद दोनों उम्मीदवारों के नामांकन पत्र मंजूर कर लिये गये।
शाह महमूद कुरैशी ने इमरान खान सरकार के तहत पाकिस्तान के विदेश मंत्री के तौर पर काम किया। कुल मिलाकर वो दो कार्यकालों के लिये पद पर बने रहे – साल 2008 से साल 2011 और साल 2018 से साल 2022 तक। मुल्तान (Multan) के रईस परिवार से आने वाले कुरैशी पाकिस्तानी राजनीति में सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक हैं।
उच्च शिक्षा विभाग वाले कुरैशी ने लाहौर के एचिसन कॉलेज () से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) में उच्च अध्ययन करने के लिये आगे बढ़े। बाद में उन्होंने इतिहास का अध्ययन करते हुए कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज से मास्टर डिग्री हासिल की।
पीटीआई ने उन्हें सियासित में शुरूआती मौका दिया, जिसके बाद उन्हें उनके गृहनगर मुल्तान से पंजाब विधानसभा के सदस्य के तौर पर चुना गया। कुरैशी पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के मार्गदर्शन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल) में शामिल हुए।
साल 1993 में वो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) में शामिल हुए, कुरैशी ने बेनज़ीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के मंत्रिमंडल के तहत संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के तौर पर काम करना शुरू किया। साल 2008 में उनका नाम पाकिस्तान के पीएम पद के लिये काफी जोर-शोर से उछाला गया लेकिन बाद में उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त किया गया।
शाह महमूद कुरैशी को बाद में पीपीपी कैबिनेट से हटा दिया गया और साल 2011 में उन्होनें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) में शामिल होने का फैसला किया। और एक बार फिर उन्हें प्रधान मंत्री इमरान खान की कैबिनेट में विदेश मंत्री नियुक्त किया गया।
हालांकि ये कयास लगाये जा रहे हैं कि आज (11 अप्रैल 2022) होने वाले के संसदीय सत्र में शहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उम्मीद है कि शाह महमूद कुरैशी पीएमएल नेता को कड़ी टक्कर देंगे।