Pakistani Hindu: नागरिकता नहीं मिलने से परेशान पाकिस्तानी शरणार्थी हिंदू, 18 महीने में 1500 लौटे वापस

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): शरणार्थियों को नागरिकता देने में मोदी सरकार के सख्त नियमों के कारण बड़ी तादाद में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी (Pakistani Hindu Refugee) पाकिस्तान लौट रहे हैं। ये हिंदू वहां के अत्याचारों की वज़ह से पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आये थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जनवरी से जुलाई 2022 तक 334 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी वापस पाकिस्तान चले गये हैं।

मामले पर सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा (Hindu Singh Sodha) ने कहा कि- “2021 से इस साल तक लगभग 1,500 पाकिस्तानी हिंदू पाकिस्तान वापस चले गये हैं। मोदी सरकार (Modi government) के साथ-साथ राज्य सरकार की ढिलाई से पाकिस्तान से आये हिंदू शरणार्थियों में काफी हताशा है। इनमें से ज़्यादातर हिंदुओं के पास भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिये आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिये पैसा या संसाधन नहीं हैं। इसलिए वो पाकिस्तान वापस जा रहे हैं। रकम खर्च करने के बावजूद वे नागारिकता पाने के सिलसिले में अधर में लटके हुए है। लगभग 25,000 ऐसे पाकिस्तानी हिंदू हैं जो भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) पाना चाहते हैं। ये पाकिस्तानी हिंदू पिछले 10 से 15 साल से यहां हैं।”

बता दे कि साल 2004 और 2005 में नागरिकता देने के लिये कैंप आयोजित किये गये और लगभग 13,000 पाकिस्तानी हिंदुओं को भारतीय नागरिकता मिली लेकिन बीते 5 सालों में सिर्फ 2000 पाकिस्तानी हिंदुओं को नागरिकता दी गयी।

गौरतलब है कि पाकिस्तान विस्थापित हिंदुओं को भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिये मोटी रकम चुकानी पड़ती है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय (Home Ministry) के नियम के मुताबिक नागरिकता के लिये आवेदन करने के लिये विस्थापित पाकिस्तान के पासपोर्ट को रिन्यू कराना होगा और पासपोर्ट को सरेंडर करने के लिये पाकिस्तान दूतावास (Pakistan Embassy) से जारी प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा।

पाक दूतावास ने शुल्क बढ़ा दिया है, जिसका भुगतान करना शरणार्थियों को मुश्किल लगता है। पाकिस्तान दूतावास में पासपोर्ट की रिन्यू फीस 8,000 से 10,000 रूपये है, नागरिकता देने में कई खामियां हैं, जिसकी वज़ह से पाकिस्तानी हिंदुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विस्थापित पाकिस्तानी हिंदूओं ने मोदी सरकार से नये पासपोर्ट नियम और भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिये पाकिस्तानी पासपोर्ट (Pakistani Passport) को सरेंडर करने की मजबूरी को खत्म करने की मांग की है।

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