नई दिल्ली (ब्यूरो): तबलीगी ज़मात के मरकज़ से जुड़ा मामला तकरीबन हर मोर्चें पर विवाद का विषय बनता जा रहा है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। सभी राज्यों की सरकारें ज़मात में शामिल सदस्यों की धरपकड़ कर उनकी मेडिकल जांच करवा रही है। क्वॉरेंटाइन में रखे गए ज़मात के सदस्य मेडिकल स्टाफ से बदसलूकी कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक तबलीगी ज़मात के विदेशी ज़माती टूरिस्ट वीजा पर हिंदुस्तान में आकर धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, जबकि कायदे से उन्हें मिशनरी वीजा पर यहां दाखिल होना चाहिए था। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग मरकज़ की वित्तीय जानकारियों की खोजबीन लग चुका है। साथ ही दक्षिण पंथ विचारधारा से जुड़े कई लोग सोशल मीडिया पर इसे सियासी और सांप्रदायिक रंग देने में जुट गए।
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के सभी सदस्यों को इस मामले पर किसी भी तरह की सांप्रदायिक टिप्पणी करने से बचने के फरमान जारी किए है। भाजपा अध्यक्ष का मानना है कि, वायरस इंफेक्शन के उभरते हालातों के बीच कोई भी ऐसा बयान देने से बचना चाहिए, जिससे कि सांप्रदायिक सद्भाव भंग होता हो। भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने यह बात कही। पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री के प्रयासों का पूर्ण समर्थन करने की मांग की। जेपी नड्डा के मुताबिक, भाजपा के पास देश को चलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। वायरस के बढ़ते जोखिम ने सभी लोगों समेत तमाम धर्मावलंबियों को भी संवेदनशील बना दिया है। ऐसे में कोई भी उत्तेजक बयान या भड़काऊ टिप्पणी करने से पार्टी कार्यकर्ताओं को बचना चाहिए। तबलीगी ज़मात के मरकज़ के मुद्दे को सांप्रदायिक मुद्दा बनाने से बचना है। भले ही इस पर अल्पसंख्यक समुदाय के नेता कोई भी टिप्पणी करें।
गौरतलब है कि कई भाजपा कार्यकर्ताओं और दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कोरोना जिहाद, जमाती फिदायीन और मरकज़ साजिश जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए भड़काऊ पोस्टें लिखी थी। इस फेहरिस्त में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, मुख्तार अब्बास नकवी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का नाम खासतौर से शामिल है। बैठक के दौरान जेपी नड्डा ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से संकट की इस घड़ी में एकजुट रहने का आवाह्न किया।