न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP- People’s Democratic Party) सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने मदरसा के नाम पर सियासत करने के लिये असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) पर आज (23 मई 2022) निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वो सांप्रदायिक राजनीति (Communal Politics) में अपने साथियों से दो कदम आगे रहने की कोशिश कर रहे हैं। मुफ्ती की टिप्पणी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मदरसा पर टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आयी है।
मुफ्ती ने कहा ने कहा कि- “एक कॉम्पीटिशन चला रही है, क्या वो गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल लागू करना चाहते हैं या असम के मुख्यमंत्री ध्रुवीकरण की राजनीति में दो कदम आगे रहना चाहते हैं। वो इस देश की जड़ों को हिलाने की बात कर रहे हैं। संविधान पर जिस पर ये देश आधारित है, उसे अब अलग किया जा रहा है,”
बता दे कि बीते रविवार (22 मई 2022) को असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि मदरसों (Madrasas) जैसे धार्मिक संस्थानों में एडमिशन की इज़ाजत सिर्फ उस उम्र में दी जानी चाहिये जब छात्र अपने फैसले खुद ले सकें।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सरमा ने कहा कि, “मदरसा शिक्षा में एक प्रणाली होनी चाहिए जो छात्रों को भविष्य में कुछ करने का विकल्प दे सके। किसी भी धार्मिक संस्थान में एडमिशन उस उम्र में होना चाहिये जब वो (छात्र) अपने फैसले खुद ले सकें।”
जोर देते हुए उन्होंने ये भी कहा कि सभी के लिये स्कूलों में “सामान्य शिक्षा” पर “मदरसा” शब्द का अस्तित्व समाप्त हो जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब तक “मदरसा” शब्द रहेगा, बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने के बारे में नहीं सोच पाएंगे।
मामले पर पीडीपी सुप्रीमो ने तल्ख बयान देते हुए कहा कि- “देश को गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम और मध्य प्रदेश मॉडल में बदलने की कवायदें की जा रही है। आप इसे जो भी कहना चाहें कह सकते है। मुख्यमंत्री आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं कि मुसलमानों को सबसे ज्यादा कौन परेशान कर सकता है। इसलिये मंदिरों और मस्जिदों के मुद्दों को उठाया जा रहा है”
“मुसलमानों को प्रतिक्रिया देने के लिये उकसाया जा रहा है ताकि इन लोगों को गुजरात या यूपी में अतीत में देखी गयी एक और वारदात को अंजाम देने का मौका मिले। अंग्रेजों ने हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा किया, आज भाजपा कर रही है। प्रधानमंत्री चुपचाप देख रहे हैं। उनकी और उनकी पार्टी की सोच साफ है कि वो (हिमंत बिस्वा सरमा समेत भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री) जो कर रहे हैं वो सही है।