Pegasus Spy Case: थम नहीं रहा पेगासस जासूसी मामला, सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई नयी याचिका

न्यूज डेस्क (राजकुमार यादव): Pegasus Espionage Case: कथित पेगासस स्पाइवेयर खरीद सौदे के संबंध में एक अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट सामने आने के बाद, वकील एमएल शर्मा ने प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश देने के लिये सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिका में कहा गया है कि कथित भारत-इजरायल सौदे (India-Israel Deal) को संसद ने मंजूरी नहीं दी थी और इसलिए इसे रद्द करने और पैसा वसूल किये जाने की जरूरत है।

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से न्याय के हित में और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिये सार्वजनिक धन के कथित गलत इस्तेमाल की जांच के लिये निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया। याचिकाकर्ता शर्मा ने आवेदन दायर कर सौदे के लिये भुगतान किये गये पैसे की वसूली की भी मांग की है।

बता दे कि पिछले साल 27 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने पेगासस के आरोपों की जांच के लिये सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन (Justice RV Raveendran) की अध्यक्षता में स्वतंत्र समिति का गठन किया था। याचिका पिछले साल दायर की गयी थी जिसमें कथित जासूसी की जांच के लिये शीर्ष अदालत के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच की मांग की गयी।

दलीलों में कहा गया था कि सैन्य-ग्रेड स्पाइवेयर (Military-Grade Spyware) का इस्तेमाल करके लक्षित निगरानी निजता के अधिकार का साफतौर पर उल्लंघन है, जिसे केएस पुट्टास्वामी (KS Puttaswamy) मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकार माना गया है।

द वायर (The Wire) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2021 में राहुल गांधी और 40 से ज़्यादा भारतीय पत्रकारों समेत कई विपक्षी नेताओं को पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर निशाना बनाया गया। एक अज्ञात एजेंसी द्वारा निगरानी के लिये संभावित लक्ष्यों की लीक सूची सार्वजनिक की गयी।

हालांकि केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union IT Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा कि व्हाट्सएप पर पेगासस के इस्तेमाल के संबंध में मीडिया रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होनें दावा किया कि ये मीडिया रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और स्थापित संस्थानों को बदनाम करने की एक कोशिश थी।

बाद में पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता (Paranjoy Guha Thakurta), एसएनएम आब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह, और इप्सा शताक्षी ने भी द एडिटर्स गिल्ड (The Editors Guild) के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। माना जा रहा है कि पेगासस स्पाइवेयर की मदद से इनकी निजता को भी भंग किया गया था।

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