नई दिल्ली (मृत्युजंय झा): Pegasus spyware controversy: राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को चल रहे मानसून सत्र की शेष अवधि के लिये टीएमसी सांसद शांतनु सेन को निलंबित कर दिया। इस दौरान सभापति ने कहा कि, “मैं सदन में होने वाली घटनाओं से बहुत व्यथित हूं। दुर्भाग्य से सदन की कार्यवाही से जुड़े कागज़ातों को मंत्री से छीनकर उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया। इस तरह की कार्रवाई हमारे संसदीय लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
सभापति एम.वेंकैया ने गुरुवार की घटना पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बयान के दौरान शुरू हुए हंगामे के बाद सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिये कर दिया और कहा कि “शांतनु सेन, कृपया सदन से बाहर चले जाये और सदन को चलने दें।” इससे पहले शुक्रवार को वी.मुरलीधरन ने इस सत्र की शेष अवधि के लिये टीएमसी सांसद शांतनु सेन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव (Suspension Motion) पेश किया गया। जिसके बाद राज्यसभा के सभापति नायडू ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और ऐलान किया कि सेन को बाकी बचे पूरी मानसून सत्र की कार्रवाई के लिये हटाया जाता है। इस दौरान वो मानसून सत्र की संसदीय प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पायेगें।
हालांकि इस दौरान टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय द्वारा उठाये गये प्वाइंट ऑफ ऑर्डर में आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा गया कि शांतनु सेन के खिलाफ पेश किये गये प्रस्ताव का विवरण संसदीय कार्य सूची (Parliamentary Business List) में नहीं है। टीएमसी सांसद सुखेंदु इस आपत्ति को सभापति ने सदन में खाऱिज कर दिया। इससे पहले आज राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से एक पेपर छीनने और टीएमसी सांसद शांतनु सेन द्वारा कल फाड़ने के मुद्दे पर सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। इस दौरान पीयूष गोयल के साथ राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन भी मौजूद थे।
अब इस मामले पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रतिक्रिया भी सामने आयी, उन्होनें कहा कि- बंगाल में टीएमसी ने हिंसा की संस्कृति (Culture Of Violence) पाल रखी है। वे इसे संसद में लाने की कोशिश कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस अगली पीढ़ी के सांसदों को क्या संदेश देना चाहती हैं? देश के बाकी हिस्सों में इस प्रकरण से क्या संदेश जायेगा?
Pegasus Spyware मामले पर राहुल गांधी ने भी उठाये सवाल
इस बीच राहुल गांधी ने के एक बयान ने आग में घी का काम कर दिया, उन्होनें दावा कर कहा कि केंद्र सरकार के आदेश पर कोई अज्ञात एजेंसी उन पर निगरानी रख रही है। जिसके चलते उनके फोन कॉल्स को टैप (Phone Calls Tap) किया जा रहा है। इस मामले की स्वतंत्र न्यायिक होनी चाहिये। साथ ही जांच पूरी होने तक गृहमंत्री अमित शाह को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिये।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि, क्या मोदी सरकार के निर्देश पर हैकिंग की गयी है और अगर नहीं तो सरकार केंद्रीय मंत्रियों, न्यायपालिका और कई विपक्षी नेताओं की जासूसी करने वाले लोगों या संगठनों का पता लगाने के लिये जांच का आदेश क्यों नहीं दे रही है। पेगासस को इजरायल (Israel) ने हथियार के तौर चिन्हित किया है और उस हथियार का इस्तेमाल आतंकवादियों के खिलाफ किया जाना चाहिये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस हथियार का इस्तेमाल लोकतांत्रिक संस्थानों (Democratic Institutions) के खिलाफ किया है। ये हमारे देश के लोकतंत्र पर हमला है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिये और उन्हें दंडित किया जाना चाहिये।