आज लोकसभा सदन में पीएम मोदी ने राम मंदिर ट्रस्ट बनाने की औपचारिक घोषणा कर दी। ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र रखा जायेगा। जैसे ही पीएम ने ये ऐलान किया, सदन जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। गौरतलब है कि इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होगें। जिसमें से एक दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करेगा।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा कि, 67.70 एकड़ ज़मीन इस काम के लिए अधिग्रहीत की जायेगी। जिसके के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हस्तांतरण की मंजूरी दे दी है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मद्देनज़र रखते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सरकार देगी।
मंत्रिमंडल की अगुवाई में बनी इस परियोजना के खाके के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, योजना की रूपरेखा तैयार करते समय सर्वोच्च न्यायालय की अनुशंसाओं का पूरी तरह से पालन किया गया है। प्रस्तावित ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े दूसरे मसलों पर फैसले लेने के लिए पूरी तरह आज़ाद रहेगा। राम मंदिर पर जब सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय आया तो, मैं उस दौरान करतारपुर साहिब में, मैं श्री गुरुनानक देवजी के 550 वें प्रकाश पर्व की पवित्र अमृत बेला में सराबोर था।
पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के हमलावर तेवर सामने आये। दोनों पार्टियों के मुताबिक दिल्ली चुनावों से ठीक तीन दिन पहले प्रधानमंत्री की ये घोषणा चुनावी प्रक्रिया पर असर डाल सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, ट्रस्ट बनाने की घोषणा करने में केन्द्र सरकार को तीन महीने का वक्त क्यों लगा ? दिल्ली चुनावों से ठीक पहले ये दांव खेलना कहीं भाजपा की सोची समझी रणनीति का हिस्सा तो नहीं ? जबकि कल शाम को चुनावी प्रचार थम जायेगा।
कई राजनीतिक विश्लेषक के मुताबिक भाजपा का ये सियासी कदम दिल्ली चुनावों से ठीक पहले हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण करने की है। जिस तरह आक्रामक होकर दिल्ली में भाजपा के स्टार प्रचारक शाहीन बाग मुद्दा जोर-शोर से उठा रहे है, उससे यहीं समीकरण बनते दिख रहे है। दिल्ली चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों भाजपा का ये कदम इसी बात को पुख़्ता करता है। साथ ही दिल्ली चुनावों से ठीक पहले राम मंदिर ट्रस्ट बनाने की घोषणा करना भाजपा के लिए तुरूप का इक्का साबित हो सकता है।
गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक ट्रस्ट में जो 15 ट्रस्टी होगें, ये लोग राजनीति क्षेत्र से नहीं होगें। साथ ही एक सदस्य दलित समुदाय का भी होगा। साथ ही सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को 5 एकड़ ज़मीन देने के लिए योगी सरकार को धन्यवाद भी दिया।