नई दिल्ली (शौर्य यादव): हर साल की तरह इस बार भी पीएम मोदी (PM Modi) ज़वानों के बीच दीवाली मानने पहुँचे। इस बार वो राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला पहुँचे। जहां सीमाओं की देखभाल सीमा सुरक्षा बल के जवान करते है। इस दौरान उनके साथ सेना प्रमुख एमएम नरवने, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत (Chief of Defence Staff Bipin Rawat) भी थे। जवानों को बधाई देने के साथ ही उन्होनें उनका हौंसला भी बढ़ाया। अपने संबोधन के दौरान उन्होनें चीन और पाकिस्तान को भी इशारों ही इशारों में करारा संदेश भी दिया।
इस दौरान उन्होनें कहा कि- अगर भारत का धैर्य आजमाने की कोशिश की गयी तो इस पर मुँहतोड़ कार्रवाई की जायेगी। दहशतगर्द तंजीमों को घर में घुसकर ज़वाब दिया जायेगा। जब तक सेना और सुरक्षा बलों के ज़वान सीमाओं के प्रहरी है, देश की दीवाली यूं ही रोशन होती रहेगी। गौरतलब है कि लोंगेवाला पोस्ट (Longewala post) वहीं सीमाई इलाका है, जहां पर ब्रिगेडियर चांदपुरी ने भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बलों के ज़वानों के साथ मिलकर साल 1971 में पाकिस्तानी टैंक रेजिमेंट का घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
- मैं आज आपके बीच प्रत्येक भारतवासी की शुभकामनाएं लेकर आया हूं, आपके लिए प्यार लेकर आया हूं, आशीष लेकर आया हूं। मैं आज उन वीर माताओं-बहनों और बच्चों को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, उनके त्याग को नमन करता हूं, जिनके अपने सरहद पर हैं।
- आप भले बर्फीली पहाड़ियों पर रहें या फिर रेगिस्तान में, मेरी दीवाली तो आपके बीच आकर ही पूरी होती है। आपके चेहरों की रौनक देखता हूं, आपके चेहरे की खुशिया देखता हूं, तो मुझे भी दोगुनी खुशी होती है। हिमालय की बुलंदियां हों, रेगिस्तान का विस्तार हो, घने जंगल हों या फिर समंदर की गहराई हो, हर चुनौती पर हमेशा आपकी वीरता भारी पड़ी है।
- दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है। आपके इसी शौर्य को नमन करते हुये आज भारत के 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं। आज हर भारतवासी को अपने सैनिकों की ताकत और शौर्य पर गर्व है। उन्हें आपकी अजेयता पर, आपकी अपराजेयता पर गर्व है।
- दुनिया का इतिहास हमें ये बताता है कि केवल वही राष्ट्र सुरक्षित रहे हैं, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं जिनके भीतर आक्रांताओं का मुकाबला करने की क्षमता थी। भले ही international cooperation कितना ही आगे क्यों न आ गया हो, समीकरण कितने ही बदल क्यों न गए हों, लेकिन हम कभी नहीं भूल सकते कि: सतर्कता ही सुरक्षा की राह है, सजगता ही सुख-चैन का संबल है। सामर्थ्य ही विजय का विश्वास है, सक्षमता से ही शांति का पुरस्कार है।
- आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है। भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है। आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है।
- आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं। विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और अठ्ठारहवीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है। हाल ही में हमारी सेनाओं ने निर्णय लिया है कि वो 100 से ज्यादा हथियारों और साजो-सामान को विदेश से नहीं मंगवाएगी।
- मैं सेनाओं को इस फैसले के लिए बधाई देता हूं। सेना के इस फैसले से देशवासियों को भी लोकल के लिए वोकल होने की प्रेरणा मिली है। मैं आज देश के नौजवानों से देश की सेनाओं के लिए निर्माण करने का आह्वान करता हूं। हाल के दिनों में अनेक स्टार्ट्स-अप्स सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए आगे आए हैं। डिफेंस सेक्टर में नौजवानों के नए स्टार्ट-अप्स देश को आत्मनिर्भरता के मामले में और तेजी से आगे ले जाएंगे।
- आज भारत की रणनीति साफ है, स्पष्ट है। आज का भारत समझने और समझाने की नीति पर विश्वास करता है लेकिन अगर हमें आज़माने की कोशिश होती है तो, जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलता है। सीमा पर रहकर आप जो त्याग करते हैं, तपस्या करते हैं, वो देश में एक विश्वास पैदा करता है। ये विश्वास होता है कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है।
- आपसे मिली इसी प्रेरणा से देश महामारी के इस कठिन समय में अपने हर नागरिक के जीवन की रक्षा में जुटा हुआ है। इतने महीनों से देश अपने 80 करोड़ नागरिकों के भोजन की व्यवस्था कर रहा है। लेकिन इसके साथ ही, देश, अर्थव्यवस्था को वापस गति देने का भी पूरे हौसले से प्रयास कर रहा है।
- तीसरा- अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए। आप देखिएगा, ये बातें आपमें एक नई ऊर्जा का संचार करेंगी। आज के दिन मैं आपसे तीन आग्रह और करना चाहता हूं। पहला- कुछ न कुछ नया Innovate करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए। आजकल कई जगहों पर हमारे जवान महत्वपूर्ण इनोवेशंस कर रहे हैं। दूसरा- योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए।