न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): बिहार में सियासी घमासान (Bihar Election) की रणभेरी बज चुकी है। आज पीएम मोदी ने बिहार के सासाराम में चुनावी रैली को संबोधित कर विजय श्री प्राप्त करने के इरादे जाहिर कर दिये है। इस दौरान उन्होनें प्रदेश के पिछड़ेपन के लिए राजद और लालू यादव पर जमकर तंज कसे। सासाराम के बाद अब पीएम मोदी भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए गया पहुँच चुके है। इस चुनावी रैली में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home Affairs Nityananda Rai), पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सुशील कुमार सिंह और चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी सहित जिले के अन्य दिग्गज़ नेताओं ने मंच पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवायी। इस चुनावी रैली में वर्चुअल तौर पर जदयू के छह, भाजपा के नौ और हम के चार चुनावी प्रत्याशियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से इसमें शिरकत की।
गया की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कही, ये बड़ी बातें
- बिहार के चुनाव इस बार दो कारणों से अहम हैं, एक तो कोरोना महामारी के बीच ये पहला बड़ा चुनाव है, जहां इतनी बड़ी संख्या में मतदान होने वाला है।इसलिए नजर इस बात पर है कि खुद को सुरक्षित रखते हुए बिहार लोकतंत्र को कैसे मजबूत करता है।
- दूसरा ये चुनाव इस दशक में बिहार का पहला चुनाव है, NDA की जीत के साथ ये चुनाव बिहार की भूमिका को और मजबूत करेगा
- 90 के दशक में बिहार के लोगों का अहित किया गया, बिहार को अराजकता और अव्यवस्था (Chaos) के किस दलदल में धकेल दिया ये आप में से अधिकांश ने अनुभव किया है।आज भी बिहार की अनेक समस्याओं की जड़ में 90 के दशक की अव्यवस्था और कुशासन है।
- ये वो दौर था जब लोग कोई गाड़ी नहीं खरीदते थे, ताकि एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनकी कमाई का पता न चल जाए। ये वो दौर था जब एक शहर से दूसरे शहर में जाते वक्त ये पक्का नहीं रहता था कि उसी शहर पहुंचेंगे या बीच में किडनैप हो जाएंगे।
- ये वो दौर था जब बिजली संपन्न परिवारों के घर में होती थी, गरीब का घर दीए और ढिबरी के भरोसे रहता था। आज के बिहार में लालटेन की जरूरत खत्म हो गई है। आज बिहार के हर गरीब के घर में बिजली का कनेक्शन है, उजाला है।
- आज बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College), मेडिकल कॉलेज, IIT, IIM जैसे संस्थान खोले जा रहे हैं। यहां बोधगया में भी तो IIM खुला है जिस पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वरना बिहार ने वो समय भी देखा है, जब यहां के बच्चे छोटे-छोटे स्कूलों के लिए तरस जाते थे।
- बीते वर्षों में बिहार के इस हिस्से को नक्सलियों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। अब नक्सलवाद को देश के एक छोटे से हिस्से में समेट दिया गया है।
- नवादा और औरंगाबाद (Nawada and Aurangabad) सहित बिहार के वो जिले जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए हैं उनको आकांक्षी जिलों के तौर पर चुना गया है। इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ, पोषण, इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे तमाम पहलुओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
- NDA के विरोध में इन लोगों ने मिलकर जो ‘पिटारा’ बनाया है, जिसे ये लोग महागठबंधन कहते हैं, उसकी रग-रग से बिहार के लोग वाकिफ हैं। वो लोग जो नक्सलियों को, हिंसक गतिविधियों को खुली छूट देते रहे, आज वो NDA के विरोध में खड़े हैं।
- देश को तोड़ने की, देश को बांटने की वकालत करने वालों पर जब एक्शन लिया जाता है, तो ये लोग उनके साथ खड़े हो जाते हैं। इन लोगों का मॉडल रहा है बिहार को बीमार और लाचार बनाना।
- पहले राशन हो, गैस सब्सिडी हो, पेंशन हो, स्कॉलरशिप हो, हर जगह घोटाला-घपला चलता था। अब आधार, फोन और जनधन खाते से सब जुड़ चुका है। अब गरीब को उसका पूरा हक समय पर मिलना सुनिश्चित हुआ है।
- लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार की बहनों से मैंने कहा था कि आपको पीने के पानी की समस्या का समाधान देकर रहेंगे। इस दिशा में जल जीवन मिशन के तहत तेजी से काम चल रहा है।
- जिन आशाओं और अपेक्षाओं के साथ आपने केंद्र में हमें अवसर दिया उनको तेजी से पूरा करने के लिए बिहार में फिर भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी का गठबंधन यानी NDA सरकार जरूरी है
- श्रीमान नीतीश जी की अगुवाई में यहां बेहतर तालमेल वाली, तेजी से काम करने वाली सरकार बने इसके लिए आपका मतदान जरूर करना है। आपका वोट इसलिए जरूरी है ताकि बिहार फिर से बीमार न पड़ जाए।