न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज (20 जनवरी 2022) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत के ओर’ के राष्ट्रीय लॉन्च समारोह में भाषण दिया। आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित सालाना पहल का अनावरण ब्रह्माकुमारीज़ (Brahma Kumaris) द्वारा किया गया। कार्यक्रमों और अभियानों की इस श्रृंखला में 30 से ज़्यादा अभियान और 15,000 से ज़्यादा कार्यक्रम शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ब्रह्माकुमारीज़ की सात पहलों को भी हरी झंडी दिखायी।
इनमें माई इंडिया हेल्दी इंडिया, आत्मानिर्भर भारत: आत्मनिर्भर किसान, महिलाएं: भारत की ध्वजवाहक, पावर ऑफ पीस बस, अनदेखा भारत साइकिल रैली, यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान (United India Motor Bike Campaign) और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल शामिल हैं।
बता दे कि माई इंडिया हेल्दी इंडिया (My India Healthy India) पहल में आध्यात्मिकता, कल्याण और पोषण पर ध्यान देने के साथ मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें। इनमें चिकित्सा शिविरों का आयोजन, कैंसर जांच, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिये सम्मेलन आदि शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर किसान के तहत 75 किसान सशक्तिकरण अभियान, 75 किसान सम्मेलन, 75 सतत कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसानों के कल्याण के लिये ऐसी कई अन्य पहल आयोजित की जायेगी। महिलाएं: भारत की ध्वजवाहक कार्यक्रम के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के सशक्तिकरण के जरिये सामाजिक परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। पावर ऑफ पीस बस अभियान 75 शहरों और तहसीलों को कवर करेगा और आज के युवाओं में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिये प्रदर्शनी आयोजित करेगा।
विरासत और पर्यावरण के बीच संबंध को बताते हुए, अनदेखा भारत साइकिल रैली अलग-अलग हैरिटेज साइट्स (heritage sites) पर आयोजित की जायेगी। यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान माउंट आबू से दिल्ली तक आयोजित किया जायेगा और ये कई शहरों को कवर करेगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत पहल में मासिक स्वच्छता अभियान, सामुदायिक सफाई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान शामिल होंगे।
कार्यक्रम के दौरान ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज (Grammy Award Winner Ricky Cage) ने आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotasav) को समर्पित एक गीत भी जारी किया। गौरतलब है कि ब्रह्मकुमारी विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है, जो व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवीनीकरण के लिये समर्पित है। साल 1937 में भारत में स्थापित ब्रह्मा कुमारी 130 से ज़्यादा देशों में काम कर रहा है। ये कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा की 53वीं उदगम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान PM Modi ने कही ये अहम बातें
- ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं।
- राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है, और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है। आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें ‘सबका प्रयास’ शामिल है।
- आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो, हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं।
- दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहाँ गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियाँ समाज को ज्ञान देती थीं।
- कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं। और अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं।
- कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी।
- हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है, और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।
- अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है।
- हमें ये भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में, हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। ये बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना।
- बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की, अधिकारों के लिए झगड़े, जूझे, समय खपाते रहे। अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
- हम सभी को, देश के हर नागरिक के हृदय में एक दीया जलाना है- कर्तव्य का दीया। हम सभी मिलकर, देश को कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ाएंगे, तो समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी और देश नई ऊंचाई पर भी पहुंचेगा।
- आप सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि भारत की छवि को धूमिल करने के लिए किस तरह अलग-अलग प्रयास चलते रहते हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत कुछ चलता रहता है। इससे हम ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि ये सिर्फ राजनीति है। ये राजनीति नहीं है, ये हमारे देश का सवाल है।
- जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो ये भी हमारा दायित्व है कि दुनिया भारत को सही रूप में जाने। ऐसी संस्थाएं जिनकी एक अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति है, वो दूसरे देशों के लोगों तक भारत की सही बात को पहुंचाएं, भारत के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उनकी सच्चाई वहां के लोगों को बताएं, उन्हें जागरूक करें, ये भी हम सबका कर्त्तव्य है।