न्यूज डेस्क (देवागंना प्रजापति): बुंदेलखंड को पेयजल की समस्या से मुक्ति देने के लिये आज (19 नवंबर 2021) पीएम मोदी (PM Modi) ने 3250 करोड़ रुपये से ज़्यादा लागत की बनी मझगांव-मिर्च छिड़काव परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली वियर परियोजना और भवानी बांध परियोजनाओं (Bhavani Dam Projects) का लोकापर्ण किया। इससे इलाके के किसानों और आम लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। महोबा, हमीरपुर, बांदा और ललितपुर जिलों में पेयजल और सिंचाई की समस्याओं को निपटारा हो पायेगा। साथ ही बुंदेलखंड (Bundelkhand) का विकास रफ्तार पकड़ पायेगा। इसके साथ पीएम मोदी ने इस दौरान ‘हर घर नल जल योजना’ की भी शुरूआत की।
कार्यक्रम के दौरान PM Modi ने कहीं ये अहम बातें:
- गुलामी के उस दौर में भारत में नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव जी का आज प्रकाश पर्व भी है। मैं देश और दुनिया के लोगों को गुरु पूरब की भी शुभकामनाएं देता हूं। आज ही भारत की वीर बेटी, बुंदेलखंड की शान, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है।
- इस समय देश, देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में जनजातीय साथियों के योगदान को समर्पित जनजातीय गौरव सप्ताह भी मना रहा है।
- बीते 7 सालों में हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने में ले आए हैं, महोबा उसका साक्षात गवाह है। ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है, जिन्होंने देश की गरीब माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन में बड़े और सार्थक बदलाव किए हैं।
- समय के साथ यही क्षेत्र पानी की चुनौतियों और पलायन का केंद्र कैसे बन गया? क्यों इस क्षेत्र में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से कतराने लगे, क्यों यहां की बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी की कामना करने लगीं। इन सवालों के जवाब महोबा के लोग, बुंदेलखंड के लोग जानते हैं।
- बुंदेलखंड को लूटकर पहले की सरकार चलाने वालों ने अपने परिवार का भला किया। आपका परिवार बूंद-बूंद के लिए तरसता रहे, इससे उनको कोई सरोकार नहीं रहा।
- दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखीं हैं। पहली बार बुंदेलखंड के लोग, यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार को देख रहे हैं। वो उत्तर प्रदेश को लूटकर नहीं थकते थे, हम काम करते-करते नहीं थकते हैं।
- कुछ वक्त पहले यहीं से उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की थी। कुछ वर्ष पहले मैंने महोबा से ही देश की मुस्लिम बहनों से वादा किया था कि मैं उन्हें तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति दिलाऊंगा। ये वादा भी पूरा हो चुका है।
- दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक शासन करने वालों ने बारी-बारी से बुंदेलखंड को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के जंगलों, संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया, ये किसी से छिपा नहीं है।
- अब इन्हीं माफियाओं पर बुलडोजर चल रहा है, तो कुछ लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं। ये लोग कितनी भी तौबा मचा लें, यूपी के विकास के काम, बुंदेलखंड के विकास के काम रुकने वाले नहीं हैं।
- किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है। ये समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समाधान की राष्ट्रनीति करते हैं। केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी ही सरकार ने निकाला है।
- दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखी हैं, पहली बार बुंदेलखंड के लोग यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार देख रहे हैं। इस कटु सत्य को कोई भुला नहीं सकता है कि वो उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते थे और हम काम करते-करते नहीं थकते हैं।
- परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा है।
- परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। वो किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं।
- हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोज़गार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कॉरिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है।
- हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में कदम उठाए हैं। बीते 7 वर्षों में 1,600 से अधिक अच्छी क्वालिटी के बीज तैयार किए गए हैं। जिनमें से अनेक बीज कम पानी में अधिक पैदावार देते हैं।