नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): आज राज्यसभा में बजट सत्र के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर विपक्ष को घेरा। केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए उन्होनें कोरोना संकट और भारत द्वारा विश्व को दी जा रही सहायता का भी जिक्र किया। कृषि, अक्षय ऊर्जा और भारत की युवा शक्ति पर भी उन्होनें काफी बेबाक अन्दाज़ में सदन में अपनी बात कही। मामता सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होनें कहा कि अगर बंगाल में साथ दिया होता तो किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की संख्या (Number of beneficiaries) ज़्यादा होती।
फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पीएम मोदी ने सदन को इसे कायम रखने का आश्वासन दिया। कृषि कानूनों के मुद्दे पर उन्हें इसमें वैकल्पिक सतत संशोधन की संभावनाओं पर रज़ामंदी जाहिर की। साथ ही उन्होनें आंदोलनकारी किसानों के साथ वार्ता के अवसर खुले रखने और उन्हें साथ रखते हुए देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने का संकल्प भी सदन के समक्ष रखा।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की बड़ी बातें:
- पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच।
- अगर हम पूरी दुनिया को देखें और इसकी तुलना भारत के युवा दिमाग से करें, तो ऐसा लगता है कि भारत अवसरों की भूमि में बदल गया है। एक देश जो युवा है, उत्साह से भरा है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है, ऐसे अवसरों को कभी नहीं जाने देगा।
- राज्य सभा में करीब 13-14 घंटे तक 50 से अधिक माननीय सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार रखे। इसलिए मैं सभी आदरणीय सदस्यों का हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूं।
- अनेक चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति जी का इस दशका का प्रथम भाषण हुआ। लेकिन ये भी सही है जब पूरे विश्व पटल की तरफ देखते हैं, भारत के युवा मन को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आज भारत सच्चे में एक अवसरों की भूमि है। अनेक अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं।
- जो देश युवा हो। जो देश उत्साह से भरा हुआ हो। जो देश अनेक सपनों को लेकर संकल्प के साथ सिद्धि को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हो। वो देश इन अवसरों को कभी जाने नहीं दे सकता।
- COVID के दौरान, दुनिया भर में स्थितियाँ विनाशकारी (Conditions destructive) थीं। किसी की मदद करना एक बड़ी चुनौती थी। देश एक दूसरे की मदद नहीं कर सकते, और यहां तक कि परिवार के सदस्य भी एक-दूसरे की मदद करने में विफल रहे।
- भारत की महामारी से निपटने में संदेह दुनिया भर में था। COVID सिर्फ भारत के लिए खतरा नहीं था, बल्कि पूरे मानव जाति पर था। भारत ने एक नए रवैये और दिमाग के फ्रेम के साथ अपने नागरिकों को बचाने के लिए एक अज्ञात दुश्मन का मुकाबला किया।
- हमें रास्ते तलाशने, तरीके बनाने और लोगों को बचाना था। पूरे देश ने अच्छा प्रदर्शन किया और दुनिया स्वीकार करती है कि भारत ने मानव जाति को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
- हम सभी के लिए ये भी एक अवसर है कि हम आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। हम जहां भी, जिस रूप में हों मां भारती की संतान के रूप में इस आजादी के 75वें पर्व को हमें प्रेरणा का पर्व मनाना चाहिए।
- कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है। लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है। गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है?
- भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जतायी थीं। विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में अगर भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा, ये आशंकाएं सभी ने जताई।
- भारत ने महामारी के दौरान वैश्विक संबंधों में एक स्थिति और छवि को मजबूत किया है। इसी अवधि के दौरान, इसने हमारे संघवाद को भी मजबूत किया है। मैं सहकारी संघवाद को मजबूत करने पर राज्यों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
- लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं। लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं।
- भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत का प्रशासन लोकतांत्रिक है-परंपराओं, इसकी संस्कृति, इसकी विरासत और इसकी इच्छाशक्ति सभी लोकतांत्रिक है – हमें एक लोकतांत्रिक देश बनाते हैं।
- इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, भारत की कृषि उपज एक रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, हम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में दूसरे स्थान पर हैं और हर महीने, हम UPI के माध्यम से 4 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन करते हैं।
- यह भारत की शक्ति है, जिसने हाल के वर्षों में कई गुना वृद्धि की है। मोबाइल फोन के निर्माता के रूप में, भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
- “हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है।
- भारत के राष्ट्रवाद पर चौतरफा हो रहे हमले से आगाह करना जरूरी है। भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है।” ये वक्तव्य आजाद हिंद फौज की प्रथम सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी का है।
- दुर्भाग्य है कि जाने-अनजाने में हमने नेताजी की भावना को, उनके आदर्शों को भुला दिया है। उसका परिणाम है कि आज हम ही, खुद को कोसने लगे हैं। हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है। हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है।
- अगर हम समस्या का हिस्सा बनते हैं, तो राजनीति फलती-फूलती है। यदि हम समाधान का हिस्सा बनते हैं, तो राष्ट्र फलता-फूलता है। हम समाधान का हिस्सा बनेंगे और मुद्दों को चुनौती देंगे।
- अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में, हम दुनिया के शीर्ष पांच देशों में से एक बन गए हैं और लगातार शीर्ष की ओर बढ़ रहे हैं। हवा से लेकर पानी तक सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर हवाई हमले तक दुनिया ने भारत की क्षमता को देखा है।
- चुनौतियां तो हैं। लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं।
- जल, थज, नभ, अंतरिक्ष भारत हर क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए अपने सामर्थ्य के साथ खड़ा है। सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक भारत की कैपेबिलिटी को दुनिया ने देखा है।
- सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती।
- पीएम फासल बीमा योजना के तहत बड़े और छोटे शामिल किसानों को 90,000 करोड़ रुपये का दावा किया गया है। हमने यह भी तय किया कि हम हर किसान को एक किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करेंगे, और मछुआरों को भी।
- अब तक, 1.75 करोड़ से अधिक किसानों को केसीसी प्राप्त हुए हैं और हम इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए राज्यों से मदद ले रहे हैं।
- खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है। मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं। वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे।
- मैं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की एक बात पर रोशना डालना चाहूंगा उन्होनें कहा था कि – “1930 के दशक में पूरे विपणन शासन की स्थापना के कारण अन्य कठोरता हैं जो हमारे किसानों को अपनी उपज बेचने से रोकते हैं जहां उन्हें रिटर्न की उच्चतम दर मिलती है। हमारा इरादा उन सभी हथकंडों को हटाने का है, जो भारत के रास्ते में एक बड़े आम बाजार के रूप में अपनी विशाल क्षमता का एहसास कराते हैं। ” मनमोहन जी ने किसानों को मुफ्त बाजार देने और भारत को एक बड़ा आम बाजार बनाने की बात की थी।
- पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है।
- लेकिन जब कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है। पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी। यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे।
- पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं। इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं। अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता।
- 2014 के बाद हमने कुछ परिवर्तन किया, हमने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा दिया ताकि किसान, छोटा किसान भी उसका फायदा ले सके। पिछले 4-5 साल में फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये के क्लेम किसानों को दिए गए है।
- पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की। छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसान को फायदा हो रहा है।
- भारत में कृषि बाजार में डेयरी खेती का योगदान 28% से अधिक है। यह व्यापार 8 लाख करोड़ रुपये का है। दूध का मूल्य एक साथ संयुक्त खाद्यान और दालों दोनों से अधिक है!
- रिकॉर्ड उत्पादन के बाद भी हमारे कृषि क्षेत्र में समस्याएं हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। COVID महामारी के दौरान, हमने किसानों से रिकॉर्ड खरीद भी की है। इस प्रकार, हमने समस्याओं को हल करने के लिए लगातार बदलाव किए हैं।
- पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की। छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसान को फायदा हो रहा है।
- ‘किसान उड़ान’ के द्वारा हवाई जहाज से जैसे हमारे नार्थ ईस्ट की कितनी बढ़िया-बढ़िया चीजें जो ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अभाव में वहां का किसान लाभ नहीं उठा पाता था, आज उसे किसान उड़ान योजना का लाभ मिल रहा है।
- हमने फुट एंड माउथ डिजीज के लिए एक बड़ा मिशन शुरू किया है और मत्स्य पालन क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। हमने एक मंत्रालय बनाया और मत्स्य सम्पदा योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये प्रदान किए और इस क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया। हमने मीठी क्रांति भी शुरू की है।
- भारत की ताकत हमेशा समस्याओं का समाधान खोजने और नई राहें खोलने की रही है। कुछ लोग हैं जो अस्थिरता और परेशानी पैदा करना चाहते हैं, और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता के दौरान और 1984 के दौरान पंजाब का क्या हुआ।
- हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि J & K और पूर्वोत्तर में क्या हुआ। इन सभी ने एक या दूसरे तरीके से राष्ट्र को चोट पहुंचाई है। इस प्रकार, हमने इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए तेजी से काम किया है।
- हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।
- मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा। आइए मिलकर चलें।
- हमें एफडीआई के नए संस्करण से भारत को बचाना चाहिए – विदेशी विनाशकारी विचारधारा। जबकि हमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का पहला रूप बरकरार रखना चाहिए, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, हमें एफडीआई के नए संस्करण से अपनी रक्षा करनी चाहिए!
- हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी। एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।
- इस सदन की पवित्रता समझे हम। जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वो भी लगातार रहेगा।
- आत्मानिर्भर भारत तभी संभव है जब हर कोई इसमें भाग ले। COVID के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि देश भर की महिलाओं को किसी बड़ी चुनौती का सामना न करना पड़े।
- मैं महामारी के दौरान जबरदस्त धैर्य दिखाने के लिए हमारी महिलाओं को पर्याप्त रूप से धन्यवाद नहीं दे सकता और परेशान समय के दौरान उन्होंने अपने परिवार को कैसे संभाला।
- MUDRA Yojana से 70% ऋण हमारी महिलाओं को प्रदान किया गया है। 7 करोड़ महिलाओं सहित 60 लाख से अधिक एसएचजी आत्मनिर्भर भारत के विचार को जोड़ रहे हैं।
- हम भारत के युवाओं को जितने अधिक अवसर प्रदान करेंगे, उतना ही हमारे भविष्य के लिए बेहतर होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे युवाओं को नए अवसर प्रदान करने का प्रयास करती है।
- एलएसी पर स्थिति पर भारत का रुख स्पष्ट है और पूरे देश ने इसे देखा है। हमने सीमा सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखा है और हम इस मुद्दे पर निर्धारित हैं।