नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): मौजूदा कोरोना महामारी के चलते देश के अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है। PM Modi की अगुवाई वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और केन्द्र सरकार लगातार नये आर्थिक सुधारों की कवायद में लगा हुआ है। ताकि चरमरायी अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकी जा सके। स्पष्ट Taxation System और पारदर्शी वित्तीय व्यवस्था की पैरवी लगातार मोदी सरकार करती आ रही है। देशभर के करदाताओं की आस्था सरकार में बनी रहे, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन टैक्सपेयर्स के लिए आज घोषणायें की, जो ईमानदारी के साथ टैक्स भरते है। इस दौरान पीएम मोदी ने टैक्सपेयर की गरिमा और संवेदनशील व्यवहार करने पर जोर देने की घोषणा की। साथ ही उन्होनें करदाताओं को इस बात का आश्वासन भी दिया कि, आयकर विभाग बिना किसी पुख़्ता जानकारी के किसी पर संदेह नहीं करेगा। साथ ही गत 6-7 वर्षों के दौरान जुड़े नये करदाताओं का जिक्र करते हुए, उन्होनें संभावित टैक्सपेयर्स को भी प्रेरित और प्रोत्साहित करने की भी कोशिश की।
गौरतलब है कि, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कराधान प्रणाली में हाल ही के सालों में कारगर बदलाव किये है। साथ ही टैक्स से जुड़ी सभी कवायदों को करदाताओं के अनुकूल बनाने का हरसंभव प्रयास केन्द्र सरकार लगातार कर रही है। कर से जुड़े कामकाज़ में पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए आयकर विभाग हर कम्युनिकेशन कंप्यूटर जेनरेटेड यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर की व्यवस्था को पुख़्ता कर रहा है। इसी श्रृंखला के तहत आयकर रिटर्न की प्रिफिलिंग की शुरू की गयी है, ताकि आयकर भरने में टैक्स पेयर्स को सरलता और सहज़ता महसूस हो। स्टार्टअप कंपनियों के लिए नियमों को बेहद सरल बनाया गया है।
देश के ईमानदार Tax Payer को संबोधित करते हुए, PM Modi ने कहीं ये बड़ी बातें
- देश में चल रहा Structural Reforms का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। Transparent Taxation – Honouring The Honest, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया। इस प्लेटफॉर्म में Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। Faceless Assessment और Taxpayers Charter आज से लागू हो गए हैं।
- जबकि Faceless appeal की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। अब टैक्स सिस्टम भले ही Faceless हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये Fairness और Fearlessness का विश्वास देने वाला ।बीते 6 वर्षों में हमारा फोकस रहा है, Banking the Unbanked Securing the Unsecured और, Funding the Unfunded. आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही ।
- Honoring the Honest- ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है। आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, Minimum Government, Maximum Governance के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं। ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
- आज हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को Process और Power Centric अप्रोच से बाहर निकालकर उसको People Centric और Public Friendly बनाने पर बल दिया जा रहा है। ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं। अब देश में माहौल बनता जा रहा है कि कर्तव्य भाव को सर्वोपरि रखते हुए ही सारे काम करें। सवाल ये कि बदलाव आखिर कैसे आ रहा है? क्या ये सिर्फ सख्ती से आया है? क्या ये सिर्फ सज़ा देने से आया है? नहीं, बिल्कुल नहीं।
- एक दौर था जब हमारे यहां Reforms की बहुत बातें होती थीं। कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें Reform कह दिया जाता था। इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे। अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है।
- हमारे लिए Reform का मतलब है, Reform नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो, Hollistic हो और एक Reform, दूसरे Reform का आधार बने, नए Reform का मार्ग बनाए। और ऐसा भी नहीं है कि एक बार Reform करके रुक गए। ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है।
- भारत के टैक्स सिस्टम में Fundamental और Structural Reforms की ज़रूरत इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे धीरे Evolve हुआ।आज़ादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन Largely सिस्टम का Character वही रहा।
- जहां Complexity होती है, वहां Compliance भी मुश्किल होता है। कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी। बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है। अब जैसे, दर्जनों taxes की जगह GST आ गया।
- अब हाईकोर्ट में 1 करोड़ रुपए तक के और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपए तक के केस की सीमा तय की गई है। ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं। प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में Tax भी कम किया गया है। 5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। Corporate tax के मामले में हम दुनिया में सबसे कम tax लेने वाले देशों में से एक हैं।
- कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली Seamless हो, Painless हो, Faceless हो ।Seamless यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे। Painless यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर Rules तक सबकुछ Simple हो।
- अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है। टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है।
- अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।बअब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकेगा।
- वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई ।स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है। बीते 6 वर्षों में भारत ने tax administration में governance का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है।
- इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं।
- जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी। आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें।