नई दिल्ली (शौर्य यादव): मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजटीय प्रावधानों को प्रभावी क्रियान्वयन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने आज एक वेबिनार कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके उन्होनें भारतीय विनिर्माण, ट्रेड पॉलिसी, वैक्सीन डिप्लोमैसी, मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम पर अपने वक्तव्य दिये। इस दौरान पीएम मोदी ने माना कि कारोबार में तयशुदा सीमा से ज़्यादा सरकारी दखल समस्यायें पैदा करता है। इस मसले पर उन्होनें Self-Regulation, Self-Attesting औऱ Self-Certificationपर जोर दिया। साथ ही उन्होनें आत्मनिर्भर भारत के तहत एड़वास्ड़ सेल बैट्री, सोलर पीवी मॉड्यूल और स्पेशिलिटी स्टील के उत्पादन पर विशेष ध्यान देने की बात कहीं।
वेबिनार कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कही ये अहम बातें:-
• इतनी बड़ी तादाद में हिंदुस्तान के सभी कोनों से आप सबका इस महत्वपूर्ण वेबिनार में सम्मिलित होना, अपने आप में इसका महत्व दर्शाता है।
• पिछले कुछ हफ्तों में, हमें कई क्षेत्रों में कई अभिनव सुझाव मिले हैं। पिछले 6-7 वर्षों में, हमने विभिन्न स्तरों पर मेक इन इंडिया को मजबूत करने के लिए कई सफल प्रयास किए हैं।
• देश का बजट और देश के लिए पालिसी मेकिंग सिर्फ सरकारी प्रक्रिया न रहे, देश के विकास से जुड़े हर स्टेक होल्डर्स का इसमें इफेक्टिव एंगेजमेंट हो। इसी क्रम में आज मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector), मेक इन इंडिया को ऊर्जा देने वाले आप सभी महत्वपूर्ण साथियों से चर्चा हो रही है।
• विनिर्माण अर्थव्यवस्था के हर पहलू को बदल देता है, एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है। विनिर्माण क्षमता बढ़ने से रोजगार सृजन में वृद्धि होती है।
•भारत उसी दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहता है। इस प्रकार, हमारे सरकार ने इस क्षेत्र में एक के बाद एक सुधार लाए हैं। हम ‘शून्य प्रभाव, शून्य दोष’ की अपेक्षा करते हैं।
• हमारे उत्पादन लागत, गुणवत्ता और उत्पादों की दक्षता को वैश्विक बाजार में एक छाप छोड़नी चाहिए और हमें इसे संभव बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमारे उत्पादों को उपयोगकर्ता के अनुकूल, सबसे आधुनिक, सस्ती और टिकाऊ होना चाहिए।
• हमारे सामने दुनियाभर से उदाहरण हैं जहां देशों ने अपनी Manufacturing Capabilities को बढ़ाकर, देश के विकास को गति दी है। बढ़ती हुई Manufacturing Capabilities, देश में Employment Generation को भी उतना ही बढ़ाती हैं।
• हमारी सरकार मानती है कि हर चीज़ में सरकार का दखल समाधान के बजाय समस्याएं ज्यादा पैदा करता है। इसलिए हम Self-Regulation, Self-Attesting, Self-Certification पर जोर दे रहे हैं।
• इस साल, हम मशीनरी में राज्य और केंद्रीय स्तर पर 6,000 से अधिक अनुपालन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इस संबंध में आपके सुझाव और सलाह अनमोल हैं। प्रौद्योगिकी के साथ, हमें इस तरह के अनुपालन को कम करना चाहिए!
• अतीत में, औद्योगिक प्रोत्साहन एक ओपन-एंडेड इनपुट आधारित सब्सिडी के रूप में था। अब, इसे एक लक्षित, प्रदर्शन-आधारित प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया में बदल दिया गया है।
• ये PLI जिस सेक्टर के लिए है, उसको तो लाभ हो ही रहा है, इससे उस सेक्टर से जुड़े पूरे इकोसिस्टम को फायदा होगा। Auto और pharma में PLI से, Auto parts, Medical Equipments और दवाओं के रॉ मटीरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी।
• Advanced Cell Batteries, Solar PV modules और Speciality Steel को मिलने वाली मदद से देश में Energy सेक्टर आधुनिक होगा। इसी तरह textile और food processing सेक्टर को मिलने वाली PLI से हमारे पूरे एग्रीकल्चर सेक्टर को लाभ होगा।
• आपने कल ही देखा है कि भारत के प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित किया है। भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में 70 से ज्यादा देश आए थे। और फिर U.N. General Assembly में ये प्रस्ताव, सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
• इस साल के बजट में, पीएलआई से जुड़ी योजनाओं को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। हम प्रोत्साहन के रूप में 5% उत्पादन प्रदान कर रहे हैं।
• अगले 5 वर्षों में, भारत PLI योजना के तहत 520 बिलियन अमरीकी डालर के उत्पादों का निर्माण करेगा। यह कार्यबल को दोगुना करने के साथ-साथ रोजगार सृजन को व्यापक रूप से बढ़ावा देगा।
• भारत आज जिस नम्रता और कर्त्तव्यभाव से मानवता की सेवा कर रहा है, इससे पूरी दुनिया में भारत अपने आप में एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की साख और पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है।
• भारत में आज जो विमान वैक्सीन की लाखों डोज लेकर दुनियाभर में जा रहे हैं, वो खाली नहीं आ रहे हैं। वो अपने साथ भारत के प्रति बढ़ा हुआ भरोसा, भारत के प्रति आत्मीयता, स्नेह और आशीर्वाद एक भावात्मक लगाव लेकर आ रहे है।
• स्वास्थ्य संकट के इन समय में दुनिया की सेवा करके भारत एक वैश्विक ब्रांड (Global Brand) बन गया है। यह ट्रस्ट फार्मा सेक्टर तक सीमित नहीं है, लेकिन हर सेक्टर को इससे फायदा होगा।
• भारत आज जिस तरह से मानवता की नम्रता से सेवा कर रहा है, इससे पूरी दुनिया में भारत अपने आप में बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। भारत की साख, भारत की पहचान निरंतर नई ऊंचाई पर पहुंच रही है।
• हमारे उद्योग को अब दुनिया भर में सबसे अच्छी गुणवत्ता के सामान के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। उद्योग को तेजी से आगे बढ़ने वाली, तेजी से बदलती दुनिया के अनुसार भी नवाचार करना चाहिए और आर एंड डी में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए
• आज भारत एक ब्रांड बन चुका है। अब आपको सिर्फ अपने product की पहचान बनानी है। अब आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी है। अगर मेहनत करनी है तो production quality पर करनी है।