सदन में बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण (Address) पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव (vote of thanks) पर अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होनें लोकसभा में विपक्ष पर करारे हमले करते हुए एक घंटे 40 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होनें कई मुद्दों पर केन्द्र सरकार का पक्ष स्पष्ट किया। पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्षी पार्टियों खासतौर से कांग्रेसी सांसदों ने हो-हल्ला किया, लेकिन पीएम मोदी ने इसकी परवाह किये बगैर अपना संबोधन जारी रखा। भाषण में उन्होनें राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) पर जमकर कटाक्ष किये।
पीएम संबोधन के मुख्य अंशः
20 साल से मैंने जिस प्रकार से गंदी गाली सुनकर खुद को गालीप्रूफ बना दिया है तो, 6 महीने ऐसी मेहनत करूंगा की मेरी पीठ को हर डंडा सहने की ताकत मिले। मैंने कांग्रेस (Congress) के एक नेता का कल वक्तव्य सुना कि 6 महीने में मोदी (Modi) को डंडे मारेंगे। ये काम थोड़ा कठिन है, तो तैयारी में 6 महीने लगते ही हैं। मैंने भी तय किया है कि 6 महीने में सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा।
हम भी आप लोगों (Congress) के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, आपके ही तौर तरीके से चलते, तो मुस्लिम महिलाओं (Muslim women) को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती। हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, आपके ही तौर तरीके से चलते, तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक (Triple talaq) की तलवार आज भी डराती।
आपकी ही सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि (Ram janmabhoomi) आज भी विवादों में रहती। आपकी ही सोच अगर होती, तो करतापुर साहिब कॉरिडोर (Kartapur Sahib Corridor) कभी नहीं बन पाता। आपके ही के तरीके होते, आपका ही रास्ता होता, तो भारत-बांग्लादेश विवाद (India-Bangladesh dispute) कभी नहीं सुलझता। अगर कांग्रेस के रास्ते हम चलते ,तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान (Next generation fighter aircraft) का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता।
CAA को लेकर कुछ लोग कह रहे हैं कि इसे लाने की इतनी जल्दी क्या थी? कुछ माननीय सदस्यों ने कहा कि हम देश के टुकड़े करना चाहते हैं। विडंबना यह है कि ये वो लोग बोल रहे हैं जो देश के ‘टुकडे टुकडे’ करने वालों के बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवाना पसंद करते हैं। मैं फिर से इस सदन के माध्यम से बड़ी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट कहना चाहता हूं कि CAA से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। चाहे वो मुस्लिम हो, हिंदू हो, सिख हो या अन्य किसी धर्म को मानने वाला हो।
5 नवंबर 1950 को इसी संसद में नेहरू जी ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आये हैं, ये नागरिकता (Citizenship) मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए। 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता (Nehru-Liaquat Agreement) हुआ, जो भारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों (Minorities) के संरक्षण के लिए हुआ। इस समझौते में धार्मिक अल्पसंख्यकों का जिक्र हुआ था।
कांग्रेस की दिक्कत ये हैं कि वो बाते करती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक उन वादों को टालती रहती है। आज हमारी सरकार अपने राष्ट्र निर्माताओं की भावनाओं पर चलते हुए फैसले ले रही है, तो इनकों दिक्कत हो रही है।
खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं,
साहब छुपते भी नहीं,
सामने आते भी नहीं। पब्लिक सब जानती है।