न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): एक वेबीनार कार्यक्रम में शिरकत करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र नाथ मोदी (PM Modi) ने बताया कि जल्द ही भारत सरकार नॉन स्ट्रैटजिक पब्लिक एंटरप्राइजेज कंपनियों (Non Strategic Public Enterprises Companies) का निजीकरण करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू करेगी। जिसके तहत कई सरकारी कंपनियों को निजी क्षेत्र के हवाले कर दिया जाएगा। कंपनियों को निजी हाथों में बेचने से मिलने वाली रकम से सरकारी खज़ाने की पूर्ति होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक कई कंपनियां ऐसी हैं, जो करदाताओं के पैसों से चल रही है, लेकिन उनकी प्रोडक्टिविटी और संसाधन बेहद दोयम दर्जे के हैं। ऐसे में इन संसाधनों को बेचकर मिलने वाला पैसा जनकल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाएगा। इन कंपनियों को बेचने से करीब 2.5 लाख करोड रुपए भारत सरकार को संभावित रूप से मिल सकते है। इस मुहिम के तहत बेचे जाने वाली ज्यादातर कंपनियां तेल एवं गैस और पावर सेक्टर से जुड़ी हुई है।
मोदी सरकार का शुरू से ही रवैया बेकार पड़े गैर लाभकारी सरकारी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने का रहा है। जिनकी दक्षता बेहद निम्न दर्जे की है ताकि ये कथित संस्थान सरकारी खजाने पर किसी तरह का बोझ ना बने। इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- इस काम को अंजाम देते समय भारत सरकार पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को सभी मापदंडों पूरी तरह से सुनिश्चित करेगी। साथ ही इन कंपनियों के अंश धारकों की मैपिंग के लिए एक ड्राफ्ट भी तैयार होगा।
कांग्रेस पार्टी के देश बेचने के आरोपों का ज़वाब देते हुए उन्होनें कहा कि, विरासत का हिस्सा (Inheritance share) बोलकर बोझ बनी कई सरकारी कंपनियों को नहीं चलाया जा सकता। ये भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ाने का काम करती है। सरकारी इन बीमारू कंपनियों को खर्चा नहीं उठा सकती। हम चाहते है कि ये कंपनियां चले लेकिन ये जरूरी नहीं कि इन कंपनियों का मालिकाना हक़ भारत सरकार के पास रहे।
पीएम मोदी ने ये भी साफ किया कि वित्तीय सेवायें, अंतरिक्ष एवं रक्षा अनुसंधान, बैकिंग, परमाणु ऊर्जा, कोयला, मिनरल्स, बीमा, पेट्रोलियम, दूरसंचार, बिजली और परिवहन से सार्वजनिक निगमों और उपक्रमों को छोड़कर बाकी सभी सार्वजनिक उपक्रमों, प्रतिष्ठानों और कंपनियों को निजी हाथों में बेच दिया जायेगा। जिसके लिए विस्तृत योजना तैयार की जायेगी।
गौरतलब है कि भारत सरकार कई सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी भी बेचने जा रहा है। जिसक जल्द ही आईपीओ शेयर बाज़ार में उतारा जा सकता है। इनमें खासतौर से शामिल है आईडीबीआई बैंक, जीवन बीमा निगम, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, बीपीसीएल, एयर इंडिया और पवन हंस।