न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): कोरोना हालातों को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi on Corona) ने आज छत्तीसगढ़ हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पुदुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के 52 जिलों के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेटों से बातचीत कर उनके जिलों में संक्रमण के ताजा हालातों के बारे में जाना। गौरतलब है कि पीएम मोदी कोरोना इंफेक्शन से सबसे ज़्यादा प्रभावित 100 जिलों के जिलाधिकारियों से वर्चुअल बैठक (Virtual meeting with district magistrates) करने की मुहिम में बीती 18 मई नौ राज्यों के 46 जिलाधिकारियों के साथ मीटिंग कर चुके है।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने संक्रमण के खिलाफ तैयारियों, बचाव-नियंत्रण और एहतियाती उपायों के बारे में जिलाधिकारियों से गहन बातचीत की। खासबात ये है कि ऐसा पहली बार है, जब महामारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री सीधे जिला प्रशासकों से बातचीत कर रहे है। 18 मई और आज की बैठक के दौरान बातचीत का फोकस महामारी की तीसरी लहर को लेकर रहा। इस वर्चुअल बैठक में उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बरेली और मुरादाबाद जिले के डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेटों से भी प्रधानमंत्री ने बातचीत की। हाल ही में प्रधानमंत्री को हर जिले में कोरोना कमांड सेंटर (Corona Command Center) बनाने का सुझाव मिला।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहीं, ये अहम बातें
- महामारी जैसी आपदा के सामने सबसे ज्यादा अहमियत हमारी संवेदनशीलता और हमारे हौंसले की ही होती है। इसी भावना से आपको जन जन तक पहुंचकर, जैसे काम आप कर रहे हैं उन्हें और अधिक ताकत और अधिक पैमाने पर करते ही रहना है।
- आज परिस्थितियों ने आपको अपनी क्षमताओं की नई तरह से परीक्षा लेने का अवसर दिया है। अपने जिले की छोटी से छोटी दिक्कत को दूर करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आपकी यही भावना आज काम आ रही है।
- जब फील्ड पर मौजूद लोगों से बातचीत होती है, तो ऐसी अभूतपूर्व परिस्थितियों से निपटने में बहुत अधिक मदद मिलती है।बीते कुछ दिनों में ऐसे अनेक सुझाव मिले हैं, अनेक जिलों में परिस्थिति के अनुसार कईं इन्नोवेटिव तरीकों की भी जानकारी आप लोगों से मिली है।
- बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं। लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है।
- फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही practical और Effective policies बनाने में मदद मिलती है। टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।
- पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर innovation बहुत ज़रूरी है। ये वायरस mutation में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और strategies भी dynamic होने चाहिए।
- एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है।
- जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।
- दूसरी लहर के बीच वायरस mutation की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। आपने जिस तरह से फील्ड पर काम किया है इसने इस चिंता को गंभीर होने से रोकने मदद तो की है, लेकिन हमें आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।
- जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक