न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिये अमेरिका में बनाया गया विशेष ‘एयर इंडिया वन’ (Air India One) विमान 1 अक्टूबर, 2020 को भारत पहुंचा। एयर इंडिया के इंजीनियरों और भारतीय वायु सेना के पायलटों की टीमें दोनों मिसाइलों और अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम (American Air Defence System) से लैस इस बोइंग-777 उड़ाती हैं।
हालांकि ये विमान एयर इंडिया को विमान हुआ है, लेकिन इसका संचालन भारतीय वायुसेना द्वारा किया जायेगा। इसकी अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे अत्याधुनिक संचार प्रणाली के अलावा लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटरमेशर्स (LAIRCM) और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (SPS) कहा जाता है। इस अत्याधुनिक विमान को बनाने में 4,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा की लागत लगी है।
एयर इंडिया वन' में एक तरफ अशोक चिन्ह है, हिंदी में 'भारत' और दूसरी तरफ अंग्रेजी में 'इंडिया' है। 'एयर इंडिया वन की पूंछ पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज रंगा हुआ है। विमान के अंदर एक सम्मेलन कक्ष, वीवीआईपी यात्रियों के लिये केबिन, मेडिकल रूम के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों और कर्मचारियों के लिये भी सीटें हैं। एक बार ईंधन भरने के बाद ये विमान लगातार 17 घंटे तक उड़ान भरने में पूरी तरह सक्षम है।
विमान में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (Electronic Warfare Suite) हैं, जो न सिर्फ विमान पर होने वाले हमले को रोकेगा बल्कि हमले के समय जवाबी कार्रवाई भी करेगा। ये सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) से लैस होने वाला पहला भारतीय विमान होगा जो दुश्मन के रडार सिग्नल को भी जाम कर सकता है और अपनी तरफ आने वाली मिसाइलों की दिशा भी बदल सकता है।
इस नये विमान की उड़ान की रेंज असीमित होगी, जो एक ही बार में दुनिया भर में यात्रा कर सकता है। आपात स्थिति में विमान हवा में ही ईंधन भरने में भी सक्षम होगा। ट्विन GE90-115 इंजन वाला 'एयर इंडिया वन' 559.33 मील प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भर सकता है।