न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): पीएम मोदी (PM Modi) बांग्लादेश के दौरे पर है। कोरोनाकाल के बाद ये उनका पहला विदेश दौर है। इसके तहत वो आज और कल बांग्लादेश के दौरे पर होंगे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन ने बांग्लादेश राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम के मौके पर ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में पीएम मोदी की अगुवाई की। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों की साझी विरासत और स्वतंत्रता के संघर्ष को याद करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने पर जोर दिया।
बांग्लादेश राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम के अवसर पर पीएम मोदी संबोधन के मुख्य अंश:
• राष्ट्रपति अब्दुल हामिद जी, प्रधानमन्त्री शेख हसीना जी और बांग्लादेश के नागरिकों का मैं आभार प्रकट करता हूं। आपने अपने इन गौरवशाली क्षणों में, इस उत्सव में भागीदार बनने के लिए भारत को सप्रेम निमंत्रण दिया।
• मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी को, बांग्लादेश के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूँ। मैं बंगबंधु शेख मुजीबुर्र रहमान जी को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने बांग्लादेश और यहाँ के लोगों के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
• बांग्लादेश के मेरे भाइयों और बहनों को, यहां की नौजवान पीढ़ी को मैं एक और बात बहुत गर्व से याद दिलाना चाहता हूं। बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था।
• मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।
• यहां के लोगों और हम भारतीयों के लिए आशा की किरण थे- बंगबंधु शेख मुजीबुर्र रहमान। बंगबंधु के हौसले ने, उनके नेतृत्व ने ये तय कर दिया था कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को ग़ुलाम नहीं रख सकती।
• ये एक सुखद संयोग है कि बांग्लादेश के आजादी के 50 वर्ष और भारत की आजादी के 75 वर्ष का पड़ाव, एक साथ ही आया है। हम दोनों ही देशों के लिए, 21वीं सदी में अगले 25 वर्षों की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारी विरासत भी साझी है, हमारा विकास भी साझा है।
• आज भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों की सरकारें इस संवेदनशीलता को समझकर, इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही हैं। हमने दिखा दिया है कि आपसी विश्वास और सहयोग से हर एक समाधान हो सकता है। हमारा Land Boundary Agreement भी इसी का गवाह है।