एजेंसियां/न्यूज डेस्क (अमित त्यागी): PM Modi in US: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (23 जून 2023) व्हाइट हाउस में अमेरिकी मीडिया के साथ बातचीत के दौरान भारत में लोकतंत्र, अल्पसंख्यकों के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दों पर रौशनी डाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि लोकतंत्र “हमारी आत्मा में है…और हमारी रगों में बहता है और भारत में जाति या धार्मिक भेदभाव का कोई मुद्दा ही नहीं है क्योंकि हमारी सरकार संविधान का पालन करती है, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों की मजबूत बुनियाद पर खड़ा है। हम लोकतांत्रिक देश हैं और लोकतांत्रिक संस्थानों का विस्तार करना अमेरिका और भारत के डीएनए में है।”
मोदी ने लोकतंत्र, अपनी सरकार के प्रदर्शन और मानवाधिकारों पर भारत के रिकॉर्ड का भी जोरदार बचाव किया और कहा कि- “हमारा मूलमंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास रहा है, जिसका मतलब है सबके विकास के लिये एक साथ, सबके विश्वास के साथ। हमारी सरकार संविधान के इस मूल सिद्धांतों पर चलती है। हमने साबित कर दिया है कि लोकतंत्र उद्धार कर सकता है। जब मैं कहता हूं कि उद्धार करो तो इसका मतलब है कि जाति, पंथ, लिंग, धर्म के आधार पर भेदभाव के लिये कोई जगह नहीं है।”
जब अमेरिकी मीडिया ने पूछा कि भारत धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार के लिये क्या करेगा तो पीएम मोदी ने जवाब दिया, “आपने जो कहा उससे मैं आश्चर्यचकित हूं। हम एक लोकतांत्रिक देश हैं। लोकतंत्र हमारी आत्मा, हमारे खून का हिस्सा है। हम लोकतंत्र में जीते हैं और सांस लेते हैं। और ये हमारे संविधान में है। अगर कोई मानवीय मूल्य और मानवाधिकार नहीं हैं तो कोई लोकतंत्र नहीं है… जब हम लोकतंत्र में रहते हैं, तो भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है।”
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने व्हाइट हाउस (White House) की बैठक से पहले आयोजित एक इंटरव्यूह में कहा था कि अगर मुस्लिम अल्पसंख्यक को मंजूर नहीं किया गया तो भारत के अलग होने का जोखिम बना रहेगा।
ओबामा ने सीएनएन के साथ एक इंटरव्यूह में कहा कि, “मुझे लगता है कि ये सच है कि अगर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं तो बहुसंख्यक हिंदू भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र करना वाज़िब होगा। अगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत होती, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं तो मेरे तर्क का एक हिस्सा ये होगा कि अगर आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि किसी मोड़ पर भारत अलग होना शुरू कर देगा।”
बता दे कि राष्ट्रपति जो बिडेन (President Joe Biden) ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि पीएम मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय बातचीत में लोकतांत्रिक मूल्य सामने आये और उनके साथ इस बारे में अच्छी चर्चा हुई।