न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की संयुक्त राज्य अमेरिका की सातवीं यात्रा और अमेरिका की उनकी पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा अपने आप में मील का पत्थर है। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्रों के तौर पर भारत और अमेरिका अपने समान लोकतांत्रिक मूल्यों की बुनियाद पर गहरे रिश्ते साझा करते हैं। इस दौरे का मकसद इस नींव को और ज्यादा मजबूत करते हुए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। चार दिनों के दौरान पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का स्मृति कार्यक्रम और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) की मेजबानी में दिया गया डिनर प्रोग्राम खासतौर से शामिल है।
यात्रा कार्यक्रम 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) समारोह की शुरुआत के साथ शुरू होगा। इसके बाद वो वाशिंगटन डीसी (Washington DC) के लिये रवाना होंगे, जहां पीएम मोदी का विशिष्ट राजकीय अतिथि के तौर पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जायेगा।
22 जून को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र (Joint Session of the US Congress) में पीएम मोदी के संबोधन का अहम रहने वाला है। कांग्रेस के संयुक्त सत्र में पीएम मोदी की ये दूसरी मौजूदगी होगी। कांग्रेस को उनका पहला संबोधन साल 2016 में हुआ था। ठीक इस दिन पीएम मोदी का व्हाइट हाउस (White House) में औपचारिक स्वागत भी किया जायेगा और वो राष्ट्रपति बाइडेन के साथ उच्च स्तरीय चर्चा में शामिल होंगे। राष्ट्रपति बाइडेन की मेजबानी में पीएम मोदी के सम्मान में आयोजित किया गया डिनर कार्यक्रम दोनों देशों के नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंधों को और गहरा करेगा।
23 जून को पीएम मोदी के लिये कई द्विपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम तय किया गया हैं, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Foreign Minister Antony Blinken) के साथ दोपहर के भोजन की बैठक में पीएम मोदी शामिल होगें। उनके पास मजबूत आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिये प्रमुख कंपनियों के शीर्ष सीईओ के साथ जुड़ने का भी मौका होगा। शाम को पीएम मोदी रोनाल्ड रीगन सेंटर (Ronald Reagan Center) में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे, इसके जरिये वो संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय से जुड़ेंगे।
24 जून को पीएम मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा का समापन करेंगे और भारत की बढ़ती वैश्विक कवायदों की अगुवाई करते हुए वो मिस्र के अपने दौरे की ओर आगे बढ़ेंगे।
इस दौरे की काफी अहमियत है क्योंकि इसमें भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों में मील का पत्थर बनने की कुव्वत रखता है। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा, विकास और कारोबारी साझेदारी को मजबूत करना है। पिछले दो दशकों में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रिश्तों में बड़ा बदलाव देखा गया है, मोदी की ये यात्रा इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जायेगी।