न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति (Investigation Committee) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक (PM Security Breach) की जांच के लिये आज (7 जनवरी 2022) फिरोजपुर (Firozpur) पहुंची। तीन सदस्यीय समिति गुरुवार देर रात फिरोजपुर पहुंची और मौके का दौरा किया। शुक्रवार तड़के वहां पहुँची जहां प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क जाम करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट से अधिक समय तक फंसा रहा।
अपने दौरे के दौरान कमेटी पंजाब पुलिस (Punjab Police) और संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करेगी, जो स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group-SPG) के अधिकारियों के साथ कोर्डिनेशन में प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था के लिये जिम्मेदार थे। प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क को जाम करने के साथ 5 जनवरी को पंजाब के हुसैनीवाला (Hussainiwala) में राष्ट्रीय शहीद स्मारक (National Martyrs Memorial) से 30 किमी दूर एक फ्लाईओवर पर पीएम का काफिला फंस गया था, जहां प्रधानमंत्री करोड़ों रुपये की कई परियोजनाओं के उद्घाटन के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।
गृह मंत्रालय ने गुरुवार (6 जनवरी 2022) को पीएम के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक की जांच के लिये तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसके कारण वीवीआईपी को गंभीर सुरक्षा जोखिम का सामना करना पड़ा। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक ट्वीट कर समिति के गठन की जानकारी दी थी जो जल्द से जल्द रिपोर्ट देगी।
ये कदम तब उठाया गया है, जब गृह मंत्रालय ने बुधवार को पंजाब सरकार से सुरक्षा चूक पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी और उसे “इस चूक के लिये जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने” के लिए कहा। इस बीच पंजाब सरकार ने भी घटना की जांच के लिये एक उच्च स्तरीय समिति (High Level Committee) का गठन किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीती 5 जनवरी की सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उनका हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का कार्यक्रम था। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बारिश और खराब विजिबिलिटी (Rain and poor visibility) की वज़ह से प्रधानमंत्री ने मौसम साफ होने के लिये करीब 20 मिनट तक इंतजार किया।
बयान आगे में कहा गया कि, “जब मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो ये तय किया गया कि वो सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जायेगें, जिसमें दो घंटे से ज़्यादा समय लगेगा।” डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की जरूरी पुष्टि के बाद पीएम सड़क के रास्ते आगे बढ़ने के लिये रवाना हुए।
बयान में आगे कहा गया कि, “हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किमी दूर, जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को जाम कर दिया था। जहां प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसे रहे। ये प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक थी।
गृह मंत्रालय का कहना है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के तहत उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिये भी जरूरी व्यवस्था करनी थी, जिसके लिये उन्हें निर्देश दे दिया गया था। आकस्मिक योजना (Contingency Plan) के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी तरह की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिये अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी थी, जो साफतौर पर नदारद दिखी। इस सुरक्षा चूक के बाद पीएम मोदी ने बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस जाने का फैसला लिया।
सामने आया खालिस्तान समर्थक गुरूपतवंत सिंह पन्नू का वीडियो
इस बीच खालिस्तान समर्थक गुरूपतवंत सिंह पन्नू (Khalistan supporter Gurupatwant Singh Pannu) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आय़ा, जिसमें वो ये कह रहा था कि- मोदी और भारत सरकार कान खोल कर सुन ले। 5 फरवरी को पंजाब में आजाद खालिस्तान के लिये रेफरेंडम शुरू हो गया है। जब तिरंगे वाले पंजाब को छोड़कर दिल्ली वापस चले गये। केसरी वालों ने उस जगह से देश के पीएम को नंगें पांव वापस भेज दिया। पंजाब आजादी की ओर बढ़ चुका है। इसका फैसला आज पंजाब ने किया है। मोदी और देश सुन ले इंदिरा गांधी हथियारों के साथ आयी थी और हथियारों के साथ उन्हें वापस भेज दिया। तुम आज पंजाब में दहशतगर्दी करने आये थे। लेकिन पंजाब में तुम्हें शांति के साथ वापस भेज दिया। खालिस्तान रेफरेंडम (Khalistan Referendum) की मुहिम, वोटों की मुहिम वोटों की है बम की नहीं हैं। इन वोटों के जरिये ही पंजाब को भारत के कब्जे से आजाद कराना है। पंजाब ने आज मोहर लगा दी है इस बात पर कि आने वाले समय में विधानसभा चुनावों के साथ खालिस्तान रेफरेंडम की भी मुहिम चलेगी। जो भी राजनीतिक पार्टी चाहे वो कांग्रेस हो, चाहे वो सिद्धू हो या भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) चाहे झाड़ू वाले हो। सभी को ये समझ लेना चाहिये। हमने तिरंगे वाले को वापस भेज दिया।
इससे पहले भी एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक खालिस्तानी समर्थक भीड़ के बीच ये दावा कर रहा था कि जो कोई भी प्रधानमंत्री की रैली में खलल डालेगा और रैली में पीएम मोदी को जूतियां दिखायेगा उसे एक लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम दिया जायेगा।