न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स ): पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (PNB scam) में भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने वाली याचिका को ब्रिटिश उच्च न्यायालय ने खाऱिज कर दिया है। ब्रिटिश उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अर्जी बुधवार को खारिज कर दी। हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब 2 अरब डॉलर (14,000 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
नीरव मोदी ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के जरिये उसके खिलाफ जारी प्रत्यर्पण आदेश को चुनौती देते हुए पिछले महीने लंदन उच्च न्यायालय में एक अपील दायर की थी। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट (Westminster Magistrates Court) का फरवरी का फैसला धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के पक्ष में था।
भगोड़े हीरा व्यापारी का मौखिक निवेदन (Oral Submission) अभी भी उच्च न्यायालय में लंबित है। कानूनी दिशानिर्देशों के तहत, अपीलकर्ता के रूप में नीरव मोदी के इस जुब़ानी गुज़ारिश पर सोच विचार करने के लिये अदालत के पास पांच वर्किंग दिनों का समय है। अगर इस गुज़ारिश का रिन्यूवल होता है तो इसे मामले की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। माना जा रहा है नीरव मोदी ऐसा आवेदन करने की योजना बना रहा है।
अगर नीरव मोदी के मौखिक निवेदन को खारिज कर दिया जाता है तो इसका सीधा मतलब ये होगा कि यूके में नीरव मोदी के लिये सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके होगें। हालांकि वो अभी भी यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है और प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील कर सकता है।
ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने इस साल 15 अप्रैल को फरमान जारी किया था कि, नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाये। 19 मार्च 2019 को गिरफ्तारी के बाद से वो लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। बीते फरवरी महीने में अपने फैसले में जिला न्यायाधीश सैम गूज़ी इस नतीज़े पर पहुँचे थे कि- ये हीरा व्यापारी के पास भारतीय अदालतों के सामने जवाब देने का मामला है। ब्रिटेन के कानून के तहत प्रत्यर्पण इस मामले में लागू नहीं होते हैं।
PNB scam में नीरव मोदी के खिलाफ कार्रवाई में दो केन्द्रीय एजेंसियां
नीरव मोदी भारत में आपराधिक कार्यवाही दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक सीबीआई के साथ और दूसरी प्रवर्तन निदेशालय के साथ। सीबीआई का मामला पीएनबी के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी से जुड़ा हआ है, जिसमें धोखाधड़ी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) या ऋण समझौते हासिल किये गये। नीरव मोदी के खिलाफ ईडी का मामला उस धोखाधड़ी की आय के शोधन से संबंधित है।
नीरव मोदी पर सीबीआई दो और आरोपों के तहत जांच कर रही है। पहला सबूत मिटाना और दूसरा मामले से जुड़ी गवाहों को डराने-धमकाने और जान से मारने की धमकी देना।