नई दिल्ली (शौर्य यादव): New Parliament Building: 28 मई 2023 वो तारीख है जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को लोकतंत्र का नया प्रतीक मिलने जा रहा है। आज (25 मई 2023) से ठीक 3 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) नये संसद भवन को भारत को समर्पित करेंगे। करीब 96 साल बाद आजाद भारत में बना पहला संसद भवन देश को दिया जाने वाला है।
इससे पहले साल 1927 में पुराने संसद भवन को ब्रिटिश शासन में बनाया गया था तो एक तरह से उस इमारत को ब्रिटिश काल (British Era) की पहचान के तौर पर भी देखा जाता रहा है। नई संसद को तैयार होने में लगभग 2 साल 6 महीने का वक्त लगा। इस नये भवन का शिलान्यास दिसंबर 2020 में किया गया था।
देश की इस नई ऐतिहासिक इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं। इस इमारत के उद्घाटन को लेकर कई विवाद पैदा होते दिख रहे हैं, विपक्षी दलों ने 28 मई को होने वाले समारोह के बहिष्कार की मुहिम छेड़ दी है। नये संसद भवन का उद्घाटन किसे करना चाहिए, इस पर एक बड़ी बहस चल रही है – पहला नाम जो उभरा वो पीएम मोदी का था, जबकि विपक्ष ने मांग की है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के हाथों किया जाना चाहिये।
नये संसद भवन का शिलान्यास होने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके कामकाज की लगातार निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि संसद भवन का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, लेकिन विपक्ष की अलग ही मांग है।
कई विपक्षी दल इस उद्घाटन समारोह का विरोध कर रहे हैं। ये वही पार्टियां हैं जो नये संसद भवन के निर्माण का शुरू से ही विरोध करती रही हैं। कुल 19 राजनीतिक दलों ने उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया, जिसमें कांग्रेस, आप, टीएमसी, डीएमके, राजद और जदयू (RJD and JDU) खासतौर से शामिल हैं।
इन राजनीतिक दलों ने बीते बुधवार (24 मई 2023) को एक संयुक्त बयान में जानकारी दी थी कि वो इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे। इन राजनीतिक दलों के मुताबिक लोकतंत्र की भावना संसद से खींच ली गयी है, इसलिए शायद वो नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने जा रहे हैं।
दरअसल नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध का एक नया तरीका है। विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन का उद्घाटन न करें। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी (Mallikarjun Kharge and Rahul Gandhi) पहले ही कह चुके हैं कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों किया जाना चाहिये। जबकि ये पहले से ही तय हो चुका है कि पीएम मोदी नये संसद भवन का उद्घाटन करेंगे, अब ये देखना बाकी है कि विपक्षी दल इस समारोह में दिखाई देंगे या नहीं।