Anthony Poola: देश को मिला पहला दलित कार्डिनल, पोप फ्रांसिस ने एंथनी पूला के नाम को दी मंजूरी

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): हैदराबाद के आर्कबिशप एंथनी पूला (Archbishop Anthony Poola) जिन्हें पोप फ्रांसिस ने कैथोलिक चर्च के नये कार्डिनल्स (Cardinals) में से एक के तौर नॉमिनेट किया, न सिर्फ वो पहले तेलुगु व्यक्ति हैं, बल्कि इस रैंक तक पहुंचने वाले पहले दलित भी हैं। कार्डिनल के रूप में एंथनी पूला की नियुक्ति एक दलित ईसाई के कार्डिनल्स कॉलेज में प्रवेश का प्रतीक है, जो पोप का चुनाव करता है।

62 वर्षीय एंथोनी पूला आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले (Kurnool District) के रहने वाले हैं। पोप फ्रांसिस द्वारा साल 2020 में हैदराबाद के आर्कबिशप के रूप में नियुक्त किये जाने से पहले उन्होंने 12 सालों तक कुरनूल के डायोसिस (Diosis) की अगुवाई की। संत पोप फ्राँसिस (Saint Pope Francis) ने बीते रविवार (29 मई 2022) को घोषणा की कि वो भारत के दो लोगों समेत 21 कलीसियाओं को कार्डिनल के पद पर पदोन्नत करेंगे।

गोवा के आर्कबिशप और दमन फिलिप नेरी एंटोनियो सेबेस्टियाओ डि रोसारियो फेराओ (Philippe Neri Antonio Sebastiao di Rosario Ferrao) कार्डिनल के तौर पर प्रमोशन पाने वाले भारत के अन्य पुजारी हैं। नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एंथनी ने इसे ‘ईश्वर की इच्छा’ बताया जिसे वो विनम्रता से स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने पोप फ्रांसिस को धन्यवाद दिया कि उन्होनें उन पर भरोसा ज़ाहिर किया।

उन्होंने कहा कि कार्डिनल के रूप में उनकी नियुक्ति तेलुगु इलाके के लिये सौभाग्य की बात है और इससे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (Andhra Pradesh and Telangana) में चर्च के प्रति आस्थावानों का विश्वास बढ़ेगा।

तेलुगु कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (Telugu Catholic Bishops Council) समेत विभिन्न संगठन एंथोनी पूला की इस प्रमोशन को लेकर काफी खुश है। वो कार्डिनल के रूप में नियुक्त होने वाले कैथोलिक चर्च के इतिहास में पहले तेलुगु शख़्स हैं, बता दे कि कार्डिनल का ओहदा पोप के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद माना जाता है।

दलित समूह के कार्यकर्ताओं ने कार्डिनल के रूप में एक दलित की नियुक्ति की काफी तारीफ की है। वो इसे समाज के उत्पीड़ित वर्गों के लिये सम्मान और मान्यता के रूप में मानते हैं। इस विकास को दलितों के लिये एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है। एंथनी पूला और फ़िलिप नेरी एंटानियो के जुड़ने से भारत से कार्डिनल्स की तादाद बढ़कर छह हो गयी है।

नये कार्डिनल 27 अगस्त को औपचारिक रूप से जिम्मेदारी का आश्वासन देंगे, जब पोप चर्च के लोगों को कार्डिनल के पद पर पदोन्नत करने के लिये कंसिस्टरी या समारोह आयोजित करेंगे।

कार्डिनल्स कॉलेज में 229 कार्डिनल शामिल हैं, जिन्हें पोप द्वारा व्यक्तिगत रूप से चुना जाता है। कार्डिनल्स नये पोप का चुनाव करते हैं, इस ओहदे के लोग पोप के सलाहकार और दूतों के तौर में काम करते हैं। आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के चिंदुकुर में जन्मे एंथोनी पूला ने कुरनूल में सीमेनरी में एडमिन लिया और बेंगलुरु में सेंट पीटर के पोंटिफिकल प्रमुख सीमेनरी में अध्ययन किया।

उन्हें 20 फरवरी 1992 को कडपा में पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया था। कडप्पा के डायोसिस में 16 सालों से ज़्यादा समय तक सेवा करने के बाद, उन्हें 2008 में कुरनूल का बिशप नियुक्त किया गया।

नवंबर 2020 में पोप फ्रांसिस ने एंथोनी को हैदराबाद के महानगरीय आर्चडीओसीज़ (Archdiocese) का आर्कबिशप नियुक्त किया, जो हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल और हैदराबाद के आसपास के जिलों में फैला हुआ है। पिछले साल जनवरी में उन्होंने हैदराबाद के आर्कबिशप के रूप में पदभार संभाला, इस तरह वो लाखों कैथोलिकों के आध्यात्मिक प्रमुख बन गये। दक्षिण भारत समेत उत्तर भारत में उनके कई अनुयायी है।

एंथोनी ने अनुसूचित जाति/पिछड़ा वर्ग आयोग (2008-2015), युवा आयोग तेलुगु क्षेत्र के अध्यक्ष (2008-2015), अध्यक्ष एपी सोशल सर्विस सोसाइटी (2008-2020) के अध्यक्ष और तेलुगु कैथोलिक बिशप काउंसिल के महासचिव (2014-2020) और कोषाध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है।

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