दिल्ली चुनाव तीन खेमों में बंटा नज़र आ रहा है आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस। तीनों ही अपनी-अपनी खूबियों को लेकर चुनावी मैदान में उतर रहे है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के एक ट्विट ने नये सियासी समीकरण पैदा होने के संकेत दे दिये है। आप और कांग्रेस एक दूसरे के धुर विरोधी रहे है। लेकिन एक वक़्त ऐसा भी था जब आप और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से दिल्ली सरकार का गठन किया था और कुछ दिन तक दिल्ली की कमान संभाली थी।
ऐसे में मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक ट्विट पर केजरीवाल की प्रतिक्रिया नयी सियासी संभावनाओं को जन्म देती दिख रही है। दिल्ली सरकार की तरह मध्य प्रदेश सरकार ने भी डोर-स्टेप डिलीवरी योजना की शुरूआत की है। जिसको Social Media पर MP Congress Endorse कर रही है।
जिस अन्दाज़ में केजरीवाल ने रि-ट्विट किया। उसका वक्त और मौका काबिले गौर करने लायक है। दिल्ली में विधानसभा का रंग चढ़ा हुआ है। ऐसे केजरीवाल जी ने जिस तरह से मध्य प्रदेश सरकार को मदद देने और अनुभव साझा करने का वादा किया है। वो ये संभावनायें पैदा करता है शायद केजरीवाल और कांग्रेस एक साथ फिर से सियासी जुगलबंदी कर सकते है।
इस बात को ये तथ्य़ और भी पुख़्ता करता है, नई दिल्ली विधानसभा सीट से केजरीवाल के खिल़ाफ कांग्रेस ने अपना मजबूत उम्मीदवार भी नहीं उतारा है। ऐसे में दोनों की जुगलबंदी की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।