एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): इस्राइल में 12 साल से चल रहे बेंजामिन नेतन्याहू युग का अंत हो गया है। अब इस्राइल में सत्ता परिवर्तन (Power Change in Israel) के बाद तेल अवीव के सिंहासन पर नफ्ताली बेनेट विराजमान होने जा रहे है।
इस्राइली संसद ने राष्ट्रवादी नफ्ताली बेनेट की अगुवाई वाली नयी सरकार को मंजूरी दे दी है। ये ऐसा अवसर है जिसका कुछ इजरायलियों का लंबे समय से इंतज़ार था। नेतन्याहू को सत्ता से बेदखल करने के लिये इस्राइल की वामपंथी, मध्यमार्गी, दक्षिणपंथी और अरब पार्टियों के गठबंधन नहीं बहुत जोर लगाया। जिसके बाद 60-59 वोटों से नेतन्याहू को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
तेल अवीव में बीते दो सालों में चार अनिर्णायक चुनावों के बाद इस फैसले का स्वागत करने के लिए हजारों लोग सड़कों पर निकले। माना जा रहा है कि नई सरकार मोटे तौर कई ज्वलंत मुद्दों जैसे फिलीस्तीनियों के प्रति नीति और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक कदम (Sweeping Steps) उठाने से बचने और घरेलू सुधारों पर ध्यान देने की योजना पर काम कर रही है।
Israel में सत्ता परिवर्तन के लिये गठबंधन के बीच हुई शर्तें
फ़िलिस्तीनी प्रशासन पर इस्राइल में हुए इस सत्ता परिवर्तन का कोई असर नहीं पड़ेगा। एक पूर्व पूर्व रक्षा प्रमुख ने दावा किया कि बेनेट वेस्ट बैंक के कब्जे वाले कुछ हिस्सों की वकालत करते रहे हैं। लिकुड पार्टी के नेता नेतन्याहू के समान वो भी दक्षिणपंथी एजेंडे (Right Wing Agenda) को आगे बढ़ाएंगे। 49 वर्षीय बेनेट रूढ़िवादी यहूदी और और करोड़पति है। गठबंधन सौदे के तहत साल 2023 में उनका प्रधानमंत्री पद 57 वर्षीय यायर लैपिड को सौंप दिया जायेगा, जो कि एक लोकप्रिय पूर्व टेलीविजन होस्ट और मध्यमार्गी राजनीति के बड़े चेहरे है।
पिछले चुनाव में उनकी धुर दक्षिणपंथी पार्टी यामिना ने संसद की 120 सीटों में से सिर्फ छह सीटें जीतीं, बेनेट का प्रीमियर पद पर आने एक बड़ा राजनीतिक बदलाव माना जा रहा है।