नई दिल्ली (लतिका वशिष्ठ): Delhi Electricity Crisis: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने आज (29 अप्रैल 2022) कहा कि देश भर में बिजली की आसमान छूती मांग और कोयले की कमी से पैदा हुई स्थिति बेहद गंभीर है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बिजली की गंभीर कमी से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि इस संकट को तुरन्त और ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है। दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र को एक एसओएस भेजकर कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के बिजली संयंत्र “एक दिन से भी कम समय के कोयला बैकअप” के साथ काम कर रहे हैं।
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने जनता से गैर-जरूरी बिजली के उपकरणों को बंद करने की अपील की, ताकि देश को संकट से उबारने में मदद मिल सके।
इस मामले पर अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर कर लिखा कि- देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है। अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं। पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए तुरन्त ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।
इसी मामले पर दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन (Power Minister Satyendra Jain) ने मीडिया से कहा कि- “हमारे पास पावर बैक अप नहीं है … बैक अप में 21 दिनों से ज़्यादा का कोयला का होना चाहिये, लेकिन दिल्ली के कई बिजली संयंत्रों में एक दिन से भी कम समय का कोयला बचा हुआ है। एक दिन के बैकअप पर काम नहीं किया जा सकता है”
उन्होंने कहा कि अगर कोयले की कमी के कारण दिल्ली के बिजली संयंत्र बंद हो जाते हैं तो ये भारी समस्यायें पैदा करेगा।
बीते गुरूवार (28 अप्रैल 2022) को दिल्ली सरकार ने चेतावनी दी कि अगर कोयले की कमी (shortage of coal) का समाधान नहीं किया गया तो वो मेट्रो ट्रेनों और अस्पतालों जैसे अहम बुनियादी ढांचे को बिजली की सप्लाई करने में सक्षम नहीं हो सकेगी।
गुरुवार को सत्येंद्र जैन ने हालातों का आकलन करने के लिये एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को खत लिखकर अनुरोध किया कि वो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
दिल्ली सरकार के एक बयान में कहा गया कि, “दादरी-द्वितीय और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों (Dadri-II and Unchahar Power Stations) से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों समेत कई अहम संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में समस्या हो सकती है।” बता दे कि दिल्ली के छह बिजली संयंत्र शहर की बिजली की मांग का लगभग 30 प्रतिशत उत्पादन करते हैं।
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भीषण गर्मी के बीच बढ़ती मांग के कारण 16 राज्य बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं, लेकिन केंद्र द्वारा पर्याप्त कोयला उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
अशोक गहलोत ने ट्विटकर लिखा कि- ये एक राष्ट्रीय संकट है। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें। अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें। अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि, “ राजस्थान में भाजपा (BJP) बिजली विभाग के कर्मचारियों पर दबाव बना रही है। बीजेपी बिजली संकट के बीच चुनौतीपूर्ण माहौल में अपना काम कर रहे बिजली विभाग के कर्मचारियों को लगातार धरना प्रदर्शन से परेशान कर रही है, जिससे हालात काफी नाज़ुक हो चले है। ”