न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में संपन्न कांग्रेस (Congress) के नव संकल्प चिंतन शिविर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ये बैठक ‘कुछ भी सार्थक हासिल करने में नाकाम रही’। साथ ही किशोर ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश (Gujarat and Himachal Pradesh) में कांग्रेस के लिये “तगड़ी चुनावी हार” की भी भविष्यवाणी की। बता दे कि ये चुनाव इस साल के आखिरी में होने वाले है।
आज प्रशांत किशोर ने ट्विटकर (Election Strategist Prashant Kishor) लिखा कि- “मुझसे बार-बार उदयपुर चिंतन शिविर के नतीज़ों पर टिप्पणी करने के लिये कहा गया है। मेरे विचार से कांग्रेस नव संकल्प चिंतन शिविर की कवायद यथास्थिति को लम्बा खींचेगी। इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व को कुछ भी सार्थक हासिल करने में नाकाम रहा। कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश में तगड़ी चुनावी हार तक!”
बता दे कि तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र, नव संकल्प चिंतन शिविर, कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें साल 2024 के लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनावों की चुनौतियों पर रणनीति बनाने के लिये गांधी परिवार (Gandhi family) और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया था।
बता दे कि पांच राज्यों में हालिया चुनावी हार के बाद कांग्रेस किशोर के साथ बातचीत कर रही थी। पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे कांग्रेस के लिये बड़े झटके के तौर पर देखे जा रहे थे। इसी के मद्देनज़र साल 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी सियासी चमक को धार देने के लिये और आम आदमी पार्टी (AAP) समेत तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) से उभरती चुनौती से पार पाने के लिये कांग्रेस नव संकल्प चिंतन शिविर के माध्यम से भविष्य का सियासी खाका तैयार कर रही थी।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने पिछले महीने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीते मंगलवार (17 मई 2022) को कहा कि परिवर्तनकारी सुधारों (Transformative Reforms) के जरिये से गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं (Structural Problems) को ठीक करने के लिये कांग्रेस पार्टी को “नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति” की जरूरत है।
किशोर ने ट्विटर पर कहा, “मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (EAG- Empowered Action Group) के हिस्से के तौर पर पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस की उदार पेशकश को नकार दिया। मेरी राय में पार्टी को मुझसे ज्यादा नेतृत्व और सामूहिकता की जरूरत है। परिवर्तनकारी सुधारों के जरिये से गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने की इच्छा शक्ति का खासा जरूरत कांग्रेस नेतृत्व को है।”