न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में प्रतापगढ़ पुलिस (Pratapgarh Police) और एटीएस के ज्वाइंट ऑपरेशन में थानाक्षेत्र लालगंज के गांव असरही में चल रहे अवैध असलहा फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया। इस दौरान पुलिस ने 06 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में असलहा और असलहा बनाने का सामान भी बरामद किया।
पुलिस के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार समेत इस गिरोह की जड़े कई राज्यों में फैली हुई है। इस मामले में पुलिस ने तिरूपति वर्मा उर्फ गुड्डू गांधी, स्वालहीन अंसारी, अकलीन अंसारी, मोहम्मद आजाद, मोहम्मद शाहिल और मोहम्मद सरफराज आलम के खिलाफ आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। छापेमारी की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने करीब .32 बोर के करीब 300 ज़िन्दा कारतूस भी बरामद किये।
पूछताछ के दौरान स्वालहीन अंसारी उर्फ बब्लू ने पुलिस को बताया कि, वो बिहार से कारीगरों को बुलाकर अपने घर पर ही पिस्टल और तमन्चे (Pistols And Guns) बनवाता था। जिसकी सप्लाई ग्राहकों/एजेन्टों के जरिये आसपास के इलाके में की जाती थी। गिरफ्तार अभियुक्त तिरूपति नाथ वर्मा ने पुलिस के सामने दावा किया कि वो इस धंधे में बीते 5 सालों से है।
पूछताछ के दौरान Pratapgarh Police को मिली ये जानकारी
तिरूपति अक्सर स्वालहीन से पिस्टल और तमन्चे खरीदकर गोरखपुर में ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाता था। जिसके लिये उसने स्वालहीन के पास एडवांस में 75 हजार रूपये जमा किये थे। तिरूपति नाथ को स्वालहीन को 100 कारतूस मुहैया करवाने ही वाला था कि इससे पहले ही पुलिस ने पूरे गिरोह को धरदबोचा।
अवैध असलहे बनाने वाले गिरफ्तार कारीगर मोहम्मद आजाद, मोहम्मद शाहिल और मोहम्मद सरफराज आलम ने पुलिस को बताया कि स्वालहीन के बुलाने पर ही वो लोग बिहार से प्रतापगढ़ अवैध असलहा (illegal firearm) बनाने आते थे। पकड़े गये कारीगर .32 बोर की पिस्टल बनाने में काफी माहिर बताये जा रहे है। गौरतलब है कि इसी खब़र की रिपोर्टिंग कर पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव देर रात (13 जून 2021) लौट रहे थे। जहां रास्ते में ही उनकी कथित तौर पर मौत हो गयी।