एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) की अगले हफ्ते रूस यात्रा की पुष्टि हो गयी है। क्रेमलिन ने आज (17 मार्च 2023) कहा कि वो 20-22 मार्च तक रूस की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने पहले शी को देश की यात्रा के लिये आमंत्रित किया था। ये यात्रा यूक्रेन में शांति के लिये चीन की पेशकश के बाद हो रही है। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन (Ukraine) में रूस के सैन्य दखल के शुरू होने के बाद शी की ये पहली रूस यात्रा होगी।
मॉस्को यात्रा के बाद शी कथित तौर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (President Volodymyr Zelensky) के साथ भी बात करने के लिये तैयार हैं। रूस के लिये बीजिंग के राजनयिक समर्थन को देखते हुए पश्चिम में चीन की पेशकश को शक भरी निगाहों से देखा जा रहा है। क्रेमलिन ने कहा कि, “बातचीत के दौरान वो रूस और चीन के बीच व्यापक साझेदारी संबंधों और रणनीतिक सहयोग के आगे के विकास के सामयिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। साथ ही कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किये जायेगें।”
इस मुद्दे पर बीजिंग के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग (Spokesperson Hua Chunying) ने अपने ट्विटर संदेश में कहा कि ये दोस्ती और शांति के लिये यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि, ” ये ना तो-गठबंधन, ना ही-टकराव और किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाने के आधार पर होगी, चीन और रूस अंतरराष्ट्रीय संबंधों में ज्यादा से ज्यादा लोकतंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि यात्रा के दौरान चीन (China) यूक्रेन युद्ध पर उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष स्थिति बनाये रखेगा। साथ ही शांति के लिये वार्ता को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभायेगा।
इससे पहले ये यात्रा के अप्रैल आखिर या मई के आसपास होने की संभावना जतायी जा रही थी। पुतिन ने पिछले महीने शी की यात्रा के बारे में जिक्र किया थै, लेकिन कोई निश्चित तारीख नहीं दी गयी थी। शी ने आखिरी बार सितंबर 2022 में मध्य एशिया में सम्पन्न हुए शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन से मुलाकात की थी।
चीन और रूस ने फरवरी 2022 में कोई सीमा नहीं वाली साझेदारी के साथ एकजुटता दिखायी थी, जब पुतिन ने शीतकालीन ओलंपिक (Winter Olympics) के उद्घाटन के लिये बीजिंग (Beijing) का दौरा किया था।
तब से दोनों पक्षों ने अपने रिश्तों को मजबूत बनाये रखना जारी रखा हुआ है। पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच कारोबारी खासा फला-फूला है। मौजूदा हालातों में चीन रूस (Russia) का तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।