न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने आज (3 मार्च 2022) एक एफआईआर (FIR) दर्ज की, जिसमें एक पादरी को जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में नामजद किया गया। इस दौरान फतेहपुर बेरी में भीड़ द्वारा उस पर हमला किया गया। एफआईआर एक वायरल वीडियो पर आधारित थी, जिसमें कथित तौर पर बीती 25 फरवरी को पादरी पर भीड़ द्वारा हमला करते हुए दिखाया गया था।
दक्षिणी दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले पर कहा, “शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भीड़ उसे एक चौराहे पर ले गई जहां उन्होंने उसके हाथों को डिवाइडर से बांध दिया और ये कहकर लोगों को भड़काना शुरू कर दिया कि शिकायतकर्ता ज़बरन धर्म परिवर्तन करने आया है।”
पादरी ने आरोप लगाया कि उन्हें बांधकर पीटा गया और ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया। पीड़ित पादरी का नाम केलोम कल्याण टेट (Pastor Kelom Kalyan Tate) बताया जा रहा है। उन्होनें कहा कि वो सुबह एक दोस्त से मिलने भाटी माइंस (Bhati Mines) गये थे। सुबह करीब 11 बजे जब वो अपने दोस्त के घर से निकल रहे थे तो उनकी बाइक पर दो-तीन लोग उसके पास आये और उन्हें ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिये मजबूर किया।
आगे उन्होनें कहा कि- “उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं वहां किससे मिलने आया था। मैंने उनसे कहा कि मैं अपने एक दोस्त से मिलने आया हूं। इसी दौरान फतेहपुर बेरी (Fatehpur Beri) से एक शख़्स मौके पर पहुंचा, जिसे उन्होंने बुलाया था। चारों लोगों ने आपस में चर्चा करने के बाद मुझ पर जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया। उन्होंने मुझे मारना शुरू कर दिया और मेरा फोन, बैग जिसमें मेरी बाइबल, बाइक के कागजात और अन्य अहम कागजात थे, वो अपने साथ ले गये। उन्होंने मारपीट की तस्वीरें ली और वीडियो बनाये।
इसके तुरंत बाद कथित तौर पर भीड़ जमा हो गयी। कुछ महिलाओं ने पुरुषों से कहा कि वो पादरी को प्रताड़ित करना बंद करें और उसे थाने ले जाये। हालाँकि पुरुषों ने उसे एक कार में बिठाया और उसे फतेहपुर बेरी चौक पर ले गये, जहाँ उन्होंने उनके हाथों को रस्सियों से एक डिवाइडर से बाँध दिया और भीड़ को भड़काने लगे।
इस पर पादरी ने कहा कि- उन्होंने मुझे लात मारी, थप्पड़ मारे और मुझे पीटा। भीड़ में से कुछ ने मेरे कपड़े फाड़ दिये। मैं अब अपने कानों से कुछ भी नहीं सुन पा रहा था। उन्होंने मेरे सिर पर लगातार वार किया और मेरे पेट और छाती पर लात मारी। मेरी नाक और मुंह से खून बह रहा था”
बता दे कि झारखंड (Jharkhand) के मूल निवासी टेट पिछले 18 साल से फतेहपुर बेरी के असोला गांव में रह रहे हैं। उनके मुताबिक घटना वाले दिन वो भाटी माइंस में एक परिचित के घर अपने दोस्त से मिलने के बाद पूजा-अर्चना करने जाने वाले थे। पिछले कई सालों से वो इस इलाके में ईसाई धर्म के अनुयायियों के घर प्रवचन और प्रार्थना का काम करते रहे है।
पीड़ित पादरी ने कहा कि- लोग अक्सर हमें प्रार्थना के लिये बुलाते हैं। ये (जिससे मिलने पीड़ित पादरी पहुँचे थे) परिवार मूल रूप से हिंदू था लेकिन बाद में वो ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो गया। वो पिछले दो साल से असोला (Asola) में हमारे हाउस चर्च में आ रहे हैं। मुझे नहीं पता कि वो कब धर्मांतरित हुए।
इस मामले में आईपीसी धारा 365 (शख्स को गुप्त रूप से और गलत तरीके से अपहरण करना या अपहरण करना), 323 आईपीसी (चोट पहुंचाने के लिये सजा), 341 आईपीसी (गलत तरीके से सजा देना) और 34 आईपीसी (कई लोगों द्वारा एक ही मंशा से किसी पर एक शख़्स पर हमला करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। अधिकारी ने आगे दावा किया कि फिलहाल मामले की जांच आगे बढ़ायी जा रही है।