इन समाधानों को गहराई से अपनाकर मजबूत मन की ताकत का परिचय देते हुए, स्पर्म के जल्दी निकलने (Premature Ejaculation) पर काबू रखा जा सकता है। कई बार किसी वजह से दिमागी तनाव और दिमागी चोट की वजह से भी स्पर्म के जल्दी निकलने की परेशानी भी पैदा हो जाती है। इस बातों से बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए और न ही किसी खानदानी डॉक्टर या किसी भी तरह के नीम-हकीमों के चक्कर में आना चाहिए।
ऐसे डॉक्टर और नीम-हकीम लोग अपने पैसे कमाने के लिए किसी भी चलते हुए राहगीर व व्यक्ति को पागल (बेवकूफ) बनाकर किसी से भी पैसे ऐंठ लेते हैं और इसी के साथ ही अपने आधे-अधूरे ज्ञान और उल्टी-सीधी दवाइयों से और दूसरी भी दिमागी परेशानी पैदा कर देते हैं।
सेक्स क्रिया के बारे में किसी भी प्रकार की कैसी भी परेशानी हो, उसके समाधान और इलाज के लिए जितनी आवश्यक भूमिका एक डॉक्टर या चिकित्सक की होती है, उतनी ही आवश्यक भूमिका पत्नी और स्त्री की भी होती है। संभोग करते हुए जब स्त्री-पुरुष मिलकर सेक्स क्रिया (Sex Act) का सुख लेते हैं तो दोनों को मिलकर सेक्स के बारे में किसी भी प्रकार की परेशानी का समाधान भी मिलकर ही करना चाहिए।
ज़्यादातर ऐसा भी देखा गया है कि स्पर्म के जल्दी निकलने के रोग से पीड़ित पुरुष के साथ अपनी स्त्री का व्यवहार एकदम बदल सा जाता है। स्त्री अपने व्यवहार से कई बार तो अपने पुरुष को उसके इस रोग के कारण आई कमजोरी का अहसास दिलाती है, उसे उकसाती रहती है और उसका मजाक भी उड़ाती रहती है। इस वजह से स्थिति सही होने की जगह और ज्यादा खराब हो जाती है।
स्त्री को इस तरह की स्थिति पैदा हो जाने पर पूरे जोश के साथ अपने पुरुष का साथ निभाना चाहिए। इसका इलाज करने के लिये किसी अच्छे चिकित्सक के बारे में सलाह देनी चाहिए। जिस तरह के उपचार बताये गये हैं उन उपचारों से इलाज करने के लिए अपने पति का साथ देना चाहिए। अगर इलाज के साथ-साथ अगर स्त्री अपने प्रेम से और अपने सही व्यवहार के साथ अपने पुरुष का साथ दे तो शीघ्रपतन के रोग की परेशानी खत्म हो सकती है।
पति को इस रोग के बारे में अपने व्यवहार को सही रखना पड़ेगा। अगर पति स्पर्म के जल्दी निकलने के रोग से पीड़ित है तो उसे इसके बारे में मालूम होते ही सोचना चाहिए। कई बार संभोग करते समय स्पर्म के जल्दी निकल जाने पर पति की सेक्स इच्छा तो मिट जाती है परंतु स्त्री की सेक्स इच्छा शांत नहीं हो पाती है। स्त्री भी सेक्स में पूर्णरूप से सुख की अधिकारी होती है। इस तरह से पति की शारीरिक सेक्स क्षमता (Physical Sex Ability) पर पत्नी का पूर्ण सुख निर्भर होता है।
इसलिए पुरुष को अपने इलाज के लिए जल्दी ही ध्यान देना चाहिए। अधिकतर पुरुषों की ये आदत होती है कि वे सेक्स से संबंधित किसी भी परेशानी को काफी लंबे समय तक सरकाते रहते हैं। इस तरह से वे अपनी समस्या को और भी ज़्यादा बढ़ा लेते हैं तथा अपने लिए ही परेशानियां पैदा कर लेते हैं। आज के समय में कोई भी ऐसा रोग नहीं हैं या कोई ऐसी परेशानी नहीं है कि जिसका कोई भी इलाज न हो। हर अवस्था में पति-पत्नी को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के बारे में सोचना चाहिए और इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
स्पर्म का जल्दी निकलना
शीघ्रपतन किसे कहते हैं? आज के युग में शीघ्रपतन के बारे में ज़्यादातर सभी नौजवानों तथा सभी उम्र के लोगों को इसके बारे में पता होता है। शीघ्रपतन का मतलब होता है स्पर्म का जल्दी निकलना। स्पर्म के जल्दी निकलने की समस्या अधिकांश युवावस्था के समय ही पैदा हो जाती है लेकिन आजकल ये समस्या बुजुर्गावस्था में भी देखने को मिल रही है।
हर पुरुष ये चाहता है कि सेक्स क्रिया काफी लंबे समय तक चलती रहे। पुरुष के मन में ये हीनभावना उत्पन्न हो जाती है कि उनकी स्त्री स्पर्म के जल्दी निकल जाने के कारण पूर्णरूप से सेक्स का आनन्द नहीं ले पाएगी। स्पर्म के जल्दी निकल जाने के कारण अधिकतर पुरुषों के दिमाग में कई तरह के संदेह पैदा हो जाते हैं।
ऐसी अवस्था में अधिकतर पुरुष अपने आप में शर्मिंदगी महसूस करने जैसी समस्या से पीड़ित होकर अपने आपको नपुंसक (Impotent) समझते हैं लेकिन ये समझना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। स्पर्म का जल्दी निकलना जैसा रोग आजकल एक आम समस्या बन गयी है। इस समय कम से कम 80 प्रतिशत लोग किसी न किसी वजह से और किसी न किसी भी वक्त स्पर्म के जल्दी निकलने के रोग के शिकार हो सकते हैं।
स्पर्म के जल्दी निकलने के दो कारण
- पहला कारण होता है जब पुरुष अपने लिंग को योनि के अंदर प्रवेश करने से पहले ही स्पर्म को निकाल देते हैं।
- दूसरा कारण होता है जब पुरुष अपने लिंग को योनि के अंदर डालने के शीघ्र बाद ही स्पर्म को निकाल देते हैं।
स्पर्म के जल्दी निकलने के दोनों ही कारणों के अधिकतर दिमागी कारण होते हैं। कई बार तो शारीरिक वजहें भी होती है जो दिमागी वजह के साथ-साथ ही रहती है। लिंग के आगे के भाग या पेशाब नली का अधिक नाजुक हो जाना, पेशाब नली के अंदर किसी भी तरह की परेशानी होना तथा पुरुष की ग्रंथि में कोई रोग होना आदि शारीरिक कारणों से भी कई बार स्पर्म के जल्दी निकलने की परेशानी हो जाती है।
इसके अलावा शादी के बाद का पहला दिन और सुहागरात के समय होने वाला डर, काफी लंबे समय तक सेक्स क्रिया न करने पर, सेक्स के बारे में अच्छी तरह से पूर्ण जानकारी का न होना, संभोग करते समय स्त्री का पूरी तरह से साथ न देना, डरते-डरते हुए सेक्स क्रिया करना, अधिक शोर-शराबे वाले स्थान पर सेक्स क्रिया करना, खुली जगह जैसे- किसी पार्क या किसी जंगल में सेक्स क्रिया करते रहना, छुप-छुपकर किसी दूसरी स्त्री के साथ सेक्स क्रिया जैसे शारीरिक संबंध बनाना, अपनी स्त्री पर अधिकतर शक करते रहना, मानसिक परेशानी या अधिक थक जाने के बाद भी सेक्स क्रिया का मन करना अथवा जल्द-बाजी में सेक्स क्रिया के लिये संबंध स्थापित करना आदि दिमागी परेशानी की वजह से भी स्पर्म के जल्दी निकलने की समस्या पैदा हो जाती है।
इसके ठीक उल्ट कभी-कभी बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करने वाले भी स्पर्म के जल्दी निकलने के रोग को अपना लेते हैं क्योंकि कई-कई बार हस्तमैथुन करने से लिंग के आगे के भाग (Penile Glans) को घर्षण करने से लिंग काफी नाजुक हो जाता है। जिसके कारण लिंग के योनि के संपर्क में आते ही स्पर्म जल्दी निकल जाता है। क्योंकि हस्तमैथुन करने वाले व्यक्ति को जल्दी ही सुख को प्राप्त करने की आदत सी पड़ जाती है।
सेक्स क्रिया और हस्तमैथुन करने में कुछ विपरीत बाते हैं जैसे- हस्तमैथुन (Masturbation) करते समय पुरुष शुरूआत में अपने हाथ की पकड़ को लिंग पर हल्का रखता है। लेकिन अंतिम अवस्था पर पहुंचते ही पुरुष के हाथ की पकड़ लिंग पर तेजी से बढ़ने लग जाती है। स्पर्म के निकलते समय पुरुष अपने लिंग को तेजी से कसकर पकड़ लेता है इसके विपरीत सेक्स क्रिया करते समय ठीक इसके उलटा होता है। सेक्स करते समय उत्तेजना आने के शुरू में स्त्री की योनि अधिक टाईट हो जाती है यानि योनि में अधिक कसाव पैदा हो जाता है। जब स्त्री संभोग क्रिया करते समय अंतिम अवस्था में पहुंच जाती है तो तब उस स्त्री की योनि में ढीलापन आ जाता है।
इस तरह से हैंडप्रैक्टिस (हस्तमैथुन) करने वाले पुरुषों का लिंग योनि के कसाव में आते ही उनका स्पर्म जल्दी निकल जाता है। कई बार पुरुष काफी समय के बाद सेक्स क्रिया करते हैं जिसकी वजह से उन्हें स्पर्म के जल्दी निकल जाने के रोग की समस्या पैदा हो जाती है। अगर वह कुछ समय के पश्चात संभोग क्रिया शुरू करें तो उसे सेक्स क्रिया करने में बहुत अधिक समय तक आंनद की प्राप्ति ले सकता है।
इसी तरह से बहुत अधिक डरा हुआ पुरुष भी जल्दी ही स्पर्म को निकाल देता है। अगर कोई पुरुष अधिक कामवासना (Eroticism) से भरा हुआ है तो उस पुरुष को भी स्पर्म के जल्दी निकलने का रोग हो सकता है। इस तरह का एक उदाहरण है कि एक पुरुष खाली समय में काफी देर से इस बारे में सोच रहा था कि जब उसकी स्त्री या प्रेमिका उसके पास आयेगी तो वह उसके साथ सेक्स क्रिया करेगा। ऐसा अवस्था में पुरुष स्त्री के साथ सेक्स क्रिया तथा उसके शरीर के साथ छेड़छाड़ करने के बारे में सोचता ही रहता है। ऐसा करते समय जब उसकी प्रेमिका या स्त्री उसके पास आती है तो वो पुरुष सेक्स के कारण उत्तेजित होने की वजह से सीधे ही सेक्स क्रिया करने लगता है।
इस तरह से जल्दबाजी करने की वजह से स्पर्म के जल्दी निकलने की संभावना काफी अधिक मात्रा में बढ़ जाती है। इसकी वजह ये होती है कि स्त्री के अंगों को छेड़े बिना ही सेक्स क्रिया करने पर स्त्री की योनि अंदर से सूखी हुई और टाईट हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप उस पुरुष को स्पर्म के जल्दी निकलने का रोग हो जाता है।