न्यूज़ डेस्क (दिगान्त बरूआ): अमेरिकी अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड कि मौत से कई राज्यों की कानून-व्यवस्था चरमरा गई। कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। मिनीपोलिस में पैदा हुई घटना की जांच मियामी (Miami), पोर्टलैंड (Portland), सिएटल (Settle), डेनवर (Denver), लुइसविले (Louisville), अटलांटा (Atlanta), और लॉसएंजेलिस (Los Angeles) में फैल गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने लूटपाट भी की। हालातों को बिगड़ता देख अमेरिकी प्रशासन ने नैशविले (Nashville) और जॉर्जिया (Georgia) में आपातकाल लागू कर दिया। बावजूद इसके सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे। अलग-अलग राज्यों में तकरीबन डेढ़ हजार प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। स्थानीय पुलिस को प्रदर्शनकारियों को संभालने में खासा मशक्कत करनी पड़ रही है। इसे देखते हुए अमेरिकी प्रशासन नेशनल गार्ड्स की तैनाती करने जा रहा है।
कई हिंसक प्रदर्शनकारियों ने मिलिट्री मॉन्यूमेंट्स को भी भारी नुकसान पहुंचाया। घटना की जांच अब ग्रेट ब्रिटेन में भी फैलने लगी है। जहां लंदन में सड़क पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारियों ने घटना के प्रति रोष जाहिर किया। हालांकि इस दौरान प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
अमेरिका में तोड़फोड़ के साथ कई इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया। फ्लोरिडा के फोर्ट लॉडरडले में एक ट्रक प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर चढ़ गया। प्रदर्शनकारियों ने कानून व्यवस्था में लगे पुलिस अधिकारियों को भी नहीं बख्शा। पेंसिलवेनिया में 13 पुलिस अधिकारियों बुरी तरह घायल होने की खबरें भी सामने आई। साल्ट लेक इलाके में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस कार को आग के हवाले कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने लोगों से अपील करते हुए हिंसा ना करने की चेतावनी दी। घटना को त्रासदी बताते हुए उन्होंने कहा- हिंसक हो रहे प्रदर्शनों से अराजक और असामाजिक तत्व लूटपाट कर सकते हैं। इसीलिए वक्त की जरूरत है कि माहौल को शांत रखा जाए।
घटना को देखते हुए मेडिकल विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए, इसे कोरोना संक्रमण फैलने अनुकूल दशा बताया। जिस तरह से प्रदर्शनकारी बगैर शोषण डिस्टेंस और मास्क के सड़कों पर उतर रहे हैं। इससे दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर स्थिति यूं ही बनी रहे तो इंफेक्शन के मामलों में भारी इजाफा देखा जा सकता है।