न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) के लिये कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बीते गुरूवार (13 जनवरी 2022) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई, जिसमें उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिये कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जल्द ही जारी की जायेगी। दिलचस्प बात ये है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) जो वर्तमान में पंजाब विधानसभा में चमकौर साहिब सीट से निर्वाचित जनप्रतिनिधि है, वो आगामी चुनावों में दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने 70 से ज़्यादा उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप दे दिया है, जिसमें बड़ी तादाद में मौजूदा विधायक शामिल हैं। सीईसी की बैठक का एक और दौर होगा, और कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा आज (14 जनवरी 2022) होने की संभावना है। कांग्रेस के एक आला नेता ने बताया कि पार्टी पंजाब के दो अलग-अलग क्षेत्रों की दो सीटों से चन्नी को मैदान में उतारने की इच्छुक है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि- पंजाब के माझा क्षेत्र चमकौर साहिब विधानसभा सीट (Chamkaur Sahib Assembly seat) के अलावा कांग्रेस आदमपुर विधानसभा क्षेत्र (Adampur Assembly Constituency) से सीएम चन्नी को मैदान में उतारने के लिये पूरी तरह तैयार है, जो दोआबा के इलाके में आता है, जहां भारी तादाद में दलित वोटरों (Dalit Voters) का दबदबा है। ऐसे में इस इलाके में सीएम चन्नी का चेहरा भुनाया जायेगा। इसके साथ ही मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिये उम्मीदवार के तौर पर देखना कोई हैरत की बात नहीं होगी।”
दूसरी ओर कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल (Congress MP Jasbir Singh Gill) ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव के लिये मैदान में उतारना चाहती है तो वो लड़ने के इच्छुक हैं। अगर सोनिया गांधी मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहेंगी तो मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगा।”
नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक अन्य सांसद ने कहा, “हां प्रताप सिंह बाजवा जैसे सांसदों को मैदान में उतारने की चर्चा है, जिनका कार्यकाल राज्यसभा में मार्च को खत्म हो रहा है।” ये पूछे जाने पर कि कांग्रेस विधानसभा चुनावों में अपने मौजूदा सांसदों को कांग्रेस क्यों मैदान में उतारना चाहती है, सांसद ने जवाब दिया कि उन्हें (सांसदों) लाने के पीछे का मकसद लड़ाई को गंभीर बनाना और ये धारणा बनाना है कि पार्टी चुनाव जीतना चाहती है। सांसद ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों (West Bengal Assembly Elections) में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का उदाहरण दिया, जहां एक दर्जन से ज़्यादा मौजूदा सांसदों को विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा गया था।
हाल के सालों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से कई राज्यों में हारने के बाद कांग्रेस पंजाब में एक और कार्यकाल की चाह रखती है। सूबे में कांग्रेस पार्टी नगर निगमों से लेकर विधानसभा तक मजबूत स्थिति में है। पंजाब विधानसभा का कार्यकाल मार्च में खत्म होगा। पंजाब में विधानसभा चुनाव एक ही चरण में 14 फरवरी को होने हैं। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।
साल 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार (SAD-BJP government) को सत्ता से बेदखल कर दिया। आम आदमी पार्टी 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) सिर्फ 15 सीटें जीतने में कामयाब रही, जबकि भाजपा को 3 सीटें ही मिलीं।