न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): लंबी जद्दोजहद के बाद आज पंजाब सरकार (Punjab Govt.) ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सूबे में आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों (Protesting farmers) को राजी कर 21 जगहों पर मालगाड़ियों की आवाजाही की अनुमति दे दी है। इन किसानों के हटने से रेल यातायात अब सुचारू तरीके से पंजाब में दुबारा शुरू हो पायेगा। इस मामले से जुड़ा ट्विट पंजाब सरकार ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी करते हुए लिखा कि, पंजाब सरकार के अनुरोध पर पूरे प्रदेश में किसान यूनियनों ने मालगाड़ियों की लगातार आवाजाही को इज़ाजत दे दी है। अब जल्द ही रेलवे प्लटेफॉर्म पर मालढुलाई का काम पहले की तरह हो पायेगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में पंजाब सरकार से राज्य में रेलवे की पूर सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया और पंजाब की तरफ जाने वाले ट्रेनों के परिचालन (Operating trains) के लिए इज़ाजत भी मांगी। ताकि राज्य के लोगों को ट्रेनों से मालढुलाई और यात्री सेवा हासिल हो सके। रेल मंत्री ने ट्विट कर लिखा कि, सभी ट्रैकों पर रेलवे का परिचालन काफी अहम है। यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा भी इसके साथ जरूरी है। छठ पूजा, दिवाली और गुरुपर्व जैसे त्योहारों के दौरान पंजाब के लोग सफर करना चाहते है।
अपने अगले ट्विट में रेलमंत्री लिखते है कि- पंजाब सरकार से संपूर्ण रेलवे प्रणाली की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करे और पंजाब होकर जाने वाले ट्रेनों को राज्य में चलने की अनुमति दे। जिससे कि रेलवे माल लाकर, ले जाकर और मुसाफिरों को उनकी मंजिल तक छोड़कर पंजाब की सेवा कर सकें।
बीते गुरूवार रेल मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि, पटरियों पर प्रदर्शनकारी किसानों के ज़बरन कब़्जा करने के कारण रेलवे के राजस्व में लगातार कमी (Continuous decrease in revenue) आ रही है। जिसकी वज़ह से पंजाब का फ्रेट कॉरिडोर (Freight Corridor of Punjab) बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 2,225 से अधिक ट्रेनों का आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिसकी वज़ह से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। बीते 4 नवंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह इसी मसले को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए एक धरने में शामिल हुए थे।